Friday, October 10, 2025
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उत्तराखंड में आज से लागू हो रहे समान नागरिक संहिता में क्या कुछ है, जानिए इसके बारे में

देहरादून: उत्तराखंड में आज (27 जनवरी) से समान नागरिक संहिता (यूसीसी/यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू होने जा रहा है। इसी के साथ उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगा।

राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार सरकार ने कानून को लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सरकार का मानना है कि इस कानून के लागू होने से ‘समाज में एकरूपता आएगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और जम्मेदारियां सुनिश्चित होंगी।’

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीएम धामी ने कहा, ‘यूसीसी देश को एक विकसित, संगठित, सामंजस्यपूर्ण और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे महान ‘यज्ञ’ में हमारे राज्य द्वारा दी गई एक
भेंट है।’

क्या है उत्तराखंड का यूसीसी कानून?

उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता अधिनियम विवाह और तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप सहित कई मामलों से संबंधित कानूनों को सभी के लिए एक समान तय करेगा। यह सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं के लिए समान विवाह योग्य आयु, तलाक और उसकी प्रक्रियाएं आदि निर्धारित करता है। साथ ही यह कानून बहुविवाह और ‘हलाला’ पर प्रतिबंध लगाता है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाले पैनल का हिस्सा रहीं और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल ने बताया कि कानून का मकसद कई मामलों में नागरिकों में समानता लाना है। इसमें विवाह, तलाक और उत्तराधिकार जैसे विषय शामिल हैं। इसके अलावा कानून का उद्देश्य लैंगिक समानता लाने का भी है। वॉइड या वॉइडेबल विवाह से जन्मे बच्चों सहित सभी बच्चों को वैध मानना, वसीयत की प्रक्रिया को सरल बनाना और लिव-इन संबंधों को विनियमित करना यूसीसी में सबसे अहम बातें हैं। उन्होंने बताया कि सभी धर्मों में लैंगिक समानता यूसीसी की महत्वपूर्ण भावना है।

यूसीसी में सभी विवाहों और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य बनाया गया है। सरकार ने लोगों को अपनी शादी को ऑनलाइन पंजीकृत करने के लिए भी सुविधाएं तैयार की हैं ताकि उन्हें इसके लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। यूसीसी की एक और खास बात ये है कि इसमें सभी बच्चों को वैध माना जाएगा। एक तरह से बच्चों के संदर्भ में नाजायज शब्द को पूरी तरह से हटा दिया है।

उत्तराखंड चुनाव में भाजपा ने किया था यूसीसी का वादा

मुख्यमंत्री धामी ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि अगर राज्य में भाजपा की सरकार सत्ता में आती है तो ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) लागू की जाएगी। भाजपा ने इस चुनावी वादे को अपने एजेंडे में भी प्रमुखता से स्थान दिया था।

उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनते ही ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) को लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई थी। उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल ने मार्च 2022 में पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता पर एक समिति बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई, 2022 को सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पैनल का गठन किया गया था।

देसाई समिति ने राज्य में विभिन्न वर्गों के साथ डेढ़ साल की बातचीत के बाद तैयार किया गया चार खंडों में एक व्यापक मसौदा प्रस्तुत किया था। इसे 2 फरवरी, 2024 को राज्य को भेजा गया और कुछ ही दिनों बाद उत्तराखंड विधानसभा ने यूसीसी विधेयक पारित कर दिया था। प्रारंभिक प्रस्ताव के लगभग दो साल बाद, मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे अपनी सहमति दे दी थी।

इसके बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक और विशेषज्ञ समिति का गठन अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए नियम और विनियम तैयार करने के लिए किया गया था। सिन्हा समिति ने पिछले साल के अंत में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

राज्य मंत्रिमंडल ने हाल ही में इसे मंजूरी दी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने 27 जनवरी, 2025 की तारीख से यूसीसी को लागू करने की बात कही थी। इससे पहले माना जा रहा था कि धामी सरकार 1 जनवरी 2025 से राज्य में ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) को लागू कर देगी। हालांकि, निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होने की वजह से सरकार 23 जनवरी तक कोई फैसला नहीं ले सकती थी।

यूसीसी पोर्टल लॉन्च करेंगे मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव शैलेश बगोली ने पिछले हफ्ते बताया था कि 27 जनवरी से पहले सभी व्यवस्थाएं तैयार हो जाएंगी। इसी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री यूसीसी पोर्टल लॉन्च करेंगे। दोपहर बाद 12.30 बजे सचिवालय में
इसकी लॉन्चिंग होगी। इसके साथ ही, 27 जनवरी को नए कानून की अधिसूचना भी जारी की जाएगी, जिससे राज्य में यह प्रक्रिया पूरी तरह से लागू हो जाएगी।

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 4 जनवरी को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि उत्तराखंड में इसी महीने ‘समान नागरिक संहिता’ को लागू कर दिया जाएगा। सीएम धामी ने कहा था कि जनवरी महीने से ‘समान नागरिक संहिता’ को लागू कर दिया जाएगा। इसे लागू करने की सारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।

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