Friday, October 10, 2025
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पीएम मोदी स्वामित्व योजना के तहत 50 हजार गावों में 65 लाख संपत्ति कार्ड सौंपेंगे

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वामित्व योजना के तहत शनिवार को दोपहर करीब 12.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपत्ति मालिकों को लाखों संपत्ति कार्ड सौंपेंगे। प्रधानमंत्री ने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी। ये संपत्ति कार्ड आपसी झगड़ों को निपटाने में सहायक होंगे।

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश समेत 10 राज्योंऔर 2 केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के 50,000 से अधिक गांवों में लगभग 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे। 230 से अधिक जिलों में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में नागरिक संपत्ति कार्ड के वितरण में भाग लेंगे।

पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “स्वामित्व योजना के तहत देशभर के ग्रामीण इलाकों के मेरे भाई-बहनों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिले, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में शनिवार को दोपहर करीब 12.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपत्ति मालिकों को लाखों संपत्ति कार्ड सौंपने का सौभाग्य मिलेगा।”

क्या है स्वामित्व योजना?

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में तैयार किया जाता है, जिससे लोगों को अपनी जमीन पर मालिकाना हक का अधिकार मिलता है। इस पहल का उद्देश्य भूमि विवादों को कम करना और भूमि के मालिकाना हक को स्पष्ट करना है, ताकि किसानों को आसानी से लोन मिल सके। इस योजना में ड्रोन सर्वे, जीआईएस और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि जमीन के स्वामित्व को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जा सके और लोगों के आपसी झगड़ों को आसानी से खत्म किया जा सके।

स्वामित्व योजना के जरिए भूमि के स्वामित्व का एक प्रमाण मिलता है, जिससे जमीन से जुड़े विवादों में कमी आएगी। भूमि का स्वामित्व स्पष्ट होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आती है और किसानों को लोन लेने में भी सुविधा होती है। यह योजना ग्रामीण भारत के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद कर रही है। अब तक इस योजना के तहत कुल 3,46,187 गांवों को अधिसूचित किया गया है, जिसमें से 3,17,715 गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 92 प्रतिशत है।

2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार

इसमें केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप, लद्दाख, दिल्ली, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के साथ-साथ मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य शामिल हैं। इन राज्यों के अलावा, हरियाणा, उत्तराखंड, पुडुचेरी, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गोवा के सभी बसे हुए गांवों के लिए संपत्ति कार्ड बनाए गए हैं। 1.53 लाख गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड भी तैयार कर लिए गए हैं।

समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ

 

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