Friday, October 10, 2025
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महिलाओं के साथ घर में सबसे ज्यादा हिंसा, 2023 में रोजाना 140 हत्याएं: UN रिपोर्ट

वॉशिंगटन: महिलाओं और लड़कियों के साथ घर में सबसे ज्यादा हिंसा होती है। संयुक्त राष्ट्र महिला (UN Women) और संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एवं अपराध कार्यालय (UNODC) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2023 में हर दिन औसतन 140 महिलाओं और लड़कियों की हत्या उनके पति, साथी या परिवार के किसी नजदीक सदस्य ने की।

साल 2023 में करीब 51,100 महिलाओं और लड़कियों को उनके करीबी लोगों ने मार दिया। यह संख्या 2022 के 48,800 मामलों से अधिक है। अमेरिकी न्यूज एजेंसी एपी की एक खबर के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन अंतरराष्ट्रीय दिवस पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि यह इजाफा अधिक आंकड़े उपलब्ध होने का नतीजा है, न कि अधिक हत्याओं का।

भेदभाव और पुरुष प्रधान सोच बड़ी वजह

रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बड़ी वजह समाज में लैंगिक भेदभाव और पुरुष प्रधान मानसिकता है। संयुक्त राष्ट्र महिला एजेंसी की उप कार्यकारी निदेशक न्यारादज़ायी गुम्बोनज़्वांडा (Nyaradzayi Gumbonzvanda) ने कहा कि यह समस्या इसलिए जारी है क्योंकि ऐसे अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

साल 2023 में अफ्रीका में महिलाओं की सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं। इस दौरान करीब 21,700 महिलाएं और लड़कियां अपने करीबी लोगों के हाथों मारी गईं। अफ्रीका में यह दर सबसे ज्यादा थी, जहां हर एक लाख लोगों में 2.9 महिलाएं हिंसा का शिकार बनीं।

अफ्रीका और अमेरिका में सबसे ज्यादा खराब हालात

खबर के अनुसार, अमेरिका में यह दर प्रति 1 लाख पर 1.6 थी, जबकि ओशिनिया में 1.5 रही। एशिया में यह दर कम थी, जहां हर एक लाख पर 0.8 महिलाओं की हत्या हुई।

यूरोप में यह दर और भी कम थी, जहां प्रति एक लाख पर 0.6 महिलाओं की हत्या हुई। यह आंकड़े बताते हैं कि घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ अपराध एक गंभीर समस्या है, खासतौर पर अफ्रीका और अमेरिका में। इन घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

यूरोप और अमेरिका में महिलाओं की हत्याएं अक्सर उनके जीवनसाथी या करीबी रिश्तेदारों द्वारा की जाती हैं। वहीं, पुरुषों की हत्याएं ज्यादातर घर के बाहर होती हैं।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि महिलाओं की हत्याएं लिंग आधारित हिंसा का नतीजा हैं, जिन्हें समय रहते रोका जा सकता है। इसके लिए कड़े कानून और समय पर कार्रवाई जरूरी है।

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