Thursday, October 9, 2025
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यूक्रेन का दावा- ‘रूस के लिए लड़ रहे भारतीय शख्स को पकड़ा’, भारत की ओर से अभी पुष्टि नहीं

यूक्रेन की मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पकड़ा गया कथित भारतीय शख्स गुजरात का रहने वाला है और रूस में पढ़ाई करने गया था। फिलहाल भारत की ओर से इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं की गई है।

नई दिल्ली: यूक्रेन की मीडिया के हवाले आई खबरों में बताया गया है कि रूसी सेना के लिए लड़ रहे एक 22 वर्षीय भारतीय नागरिक को यूक्रेनी सेना ने पकड़ लिया है। भारतीय अधिकारियों ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि वे मीडिया में आई उन रिपोर्टों का असल सच जानने का प्रयास कर रहे हैं। यूक्रेनी मीडिया की रिपोर्ट में पकड़े गए शख्स की पहचान माजोती साहिल मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है और उसे गुजरात के मोरबी का निवासी बताया जा रहा है।

इधर सरकारी सूत्रों ने कहा कि कीव में भारतीय दूतावास को इस मुद्दे पर यूक्रेन से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिला है। कीव की एक रिपोर्ट के अनुसार मोहम्मद हुसैन पढ़ाई करने के लिए रूस गया था, लेकिन ड्रग्स के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उसे रूसी सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था। कीव की मीडिया रिपोर्ट उसे यह कहते हुए बताया गया कि वह लड़ना नहीं चाहता था और उसने यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

इससे पहले पिछले महीने भारत की ओर से पुष्टि हुई थी कि 27 भारतीय नागरिक अभी भी रूसी सेना में काम कर रहे हैं। साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में सेवा करने के प्रस्तावों से दूर रहने का आग्रह किया था, क्योंकि ऐसा करके वे अपनी जान को खतरे में डाल सकते हैं।

पकड़े गए शख्स का वीडियो आया सामने

यूक्रेन की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड द्वारा रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में मोहम्मद हुसैन कहता नजर आ रहा है कि उसे ड्रग से जुड़े आरोपों में रूसी जेल में सात साल की सजा सुनाई गई है। कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट अनुसार उसे आगे की सजा से बचने के लिए रूसी सेना के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का अवसर दिया गया था। यूक्रेनी अधिकारियों ने उसके हवाले से कहा कि वह लड़ना नहीं चाहता, उसे मदद की जरूरत है और वह रूस वापस भी नहीं जाना चाहता। उसने कहा कि ‘वहां कोई सच्चाई नहीं है।’ उसने यह भी कहा कि वह यूक्रेन में रहना चाहता है या भारत लौटना चाहता है।

‘यूक्रेन्स्का प्राव्दा’ की एक रिपोर्ट में कहा गया, ‘मोहम्मद हुसैन के अनुसार उससे वादा किया गया था कि एक साल की सेवा के बाद उसे आजादी मिलेगी और उसे 1,00,000 से 1.5 मिलियन रूबल (करीब 1,200-18,000 डॉलर) तक का भुगतान मिलेगा, लेकिन उसे कभी कोई पैसा नहीं मिला।’

शख्स का दावा- 16 दिनों की ट्रेनिंग..फिर भेजा गया मिशन पर

रिपोर्ट के अनुसार हुसैन ने यूक्रेनी सेना को बताया कि उसे रूसी सेना द्वारा 16 दिनों की ट्रेनिंग दी गई था और 1 अक्टूबर को उसे उसके पहले कॉन्बैट मिशन पर भेजा गया था। हुसैन ने बताया कि उसने तीन दिन लड़ाई में बिताए और फिर अपने कमांडर के साथ विवाद के बाद उसने यूक्रेनी सैनिकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

उसने कहा, ‘मैं लगभग 2-3 किलोमीटर (1-2 मील) दूर एक यूक्रेनी ट्रेंच में पहुँचा…मैंने तुरंत अपनी राइफल नीचे रख दी और कहा कि मैं लड़ना नहीं चाहता। मुझे मदद चाहिए।’

बता दें कि जनवरी में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूस में बसने का प्रलोभन देकर कुल 126 भारतीयों में से 12 भारतीय यूक्रेन में रूसी सेना के लिए लड़ते हुए मारे गए हैं। उस समय, मंत्रालय ने कहा था कि 16 अन्य लापता थे। बाद में, भारत सरकार ने इस मुद्दे को मास्को के समक्ष ‘पुरजोर’ ढंग से उठाया और रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीयों को शीघ्र मुक्त कराने का अनुरोध किया था।

गौरतलब है कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ रुख बनाए रखा है और किसी भी पक्ष का समर्थन करने से इनकार किया है। साथ ही उसने रूस के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों में शामिल होने से भी इनकार किया है और मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का आह्वान किया है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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