Friday, October 10, 2025
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उदयपुर के स्कूल में चाकू घोंपे जाने से किशोर की मौत…सांप्रदायिक तनाव और न्याय मांगती मां, जवाब किसके पास है?

उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर के एक स्कूल में पिछले हफ्ते चाकूबाजी का शिकार हुए 15 साल के किशोर ने अस्पताल में तीन दिन जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद सोमवार को दम तोड़ दिया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। किशोर को दूसरे धर्म के एक अन्य छात्र ने चाकू मारा था और इसलिए घटना के बाद उदयपुर में सांप्रदायिक तनाव भी फैला। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हर जतन किया और अब हालात काबू में हैं। इन सबके बीच लेकिन मारे गए किशोर का परिवार अब न्याय की बाट जोह रहा है।

‘मुझे मेरे बच्चे के लिए न्याय चाहिए’

बच्चे की मौत के बाद बेसुध मां लगातार अपने बच्चे के लिए न्याय की मांग कर रही है। वे कहती हैं, ‘मुझे मुआवज़ा नहीं चाहिए। मैं अपने बच्चे के लिए न्याय चाहती हूं, जिसे बदला लेने के लिए मार दिया गया।’

सरकार ने पीड़ित परिवार को 51 लाख रुपये मुआवजा और एक रिश्तेदार को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

16 अगस्त को किशोर को चाकू मारे जाने की घटना के बाद शहर में कई दक्षिणपंथी गुट प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर गए। कुछ वाहनों को भी जलाया गया और दुकानें जबरन बंद कराई गई। साथ ही सोमवार और मंगलवार को पूरी तरह से बंद का आह्वान किया गया।

इन घटनाओं के बीच शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खासकर सोमवार को जब किशोर की मौत की खबर आई तो और भी ज्यादा सुरक्षा बढ़ाई गई। इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं। इसके बाद मंगलवार को जब लड़के का अंतिम संस्कार किया गया, तब उदयपुर में कुछ ही दुकानें खुली थीं। करीब-करीब हर 300 मीटर पर पुलिस के जवान नजर आ रहे थे।

आरोपी छात्र और पिता गिरफ्तार

किशोर को कथित तौर पर चाकू मारने वाले आरोपी लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। साथ ही उसके पिता जो एक टेम्पो चालक हैं, उन्हें भी पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में रखा है। इस बीच आरोपी लड़के की मां और बहन एक रिश्तेदार के यहां चली गई हैं। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपी लड़के घर को बुलडोजर से तोड़ दिया है। हालांकि ये बात भी सामने आई है कि आरोपी लड़के का परिवार इस घर में किराये पर रह रहा था।

पुलिस प्रशासन का कहना है कि मकान मालिक को मकान के कागजात पेश करने के लिए शनिवार सुबह नोटिस दिया था। वे जब ऐसा नहीं कर सके तो घर को ध्वस्त कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार यह घर अवैध रूप से वन भूमि पर बनाया गया था।

16 अगस्त को क्या हुआ था?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मारे गए किशोर के परिवार के सदस्यों ने कहा कि सरकारी स्कूल में छुट्टी के दौरान उसकी जांघ पर चाकू मारा गया था। इसके बाद उसके दो अन्य सहपाठी उसे स्कूटर पर अस्पताल ले गए थे।

मां ने बताया, ‘बच्चे उसे पास के अस्पताल में ले गए। हमारे घर के पास स्कूटर का संतुलन बिगड़ा और हमारे एक पड़ोसी ने उसे घायल हालत में देखा। उन्होंने तुरंत मुझे सूचित किया और हम अस्पताल की ओर भागे।’

मां ने आरोप लगाया कि स्कूल से किसी ने भी उसे घटना के बारे में सूचित नहीं किया और स्कूल अधिकारी लड़के के साथ अस्पताल नहीं गए। उन्होंने कहा, ‘अगर मेरा बेटा कभी स्कूल नहीं जाता था तो स्कूल के शिक्षक मुझे फोन करके उसके नहीं आने का कारण पूछते थे। उन्होंने मुझे इस घटना के बारे में क्यों नहीं बताया? दो लड़के अकेले ही मेरे बेटे को अस्पताल ले गए और उनमें से एक ने घाव को अपनी शर्ट से बांधा क्योंकि खून तेजी से बह रहा था। मैं चाहती हूं कि प्रशासन लापरवाह स्कूल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करे।’

डॉक्टरों ने क्या बताया?

अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि जब किशोर को घायल अवस्था में लाया गया तो उसकी नाड़ी नहीं चल रही थी।

महाराणा भोपाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आर एल सुमन ने कहा, ‘हमने उसे एडवांस्ड सीपीआर दिया, जिसके बाद हमें उसकी नब्ज मिल सकी। हमने खून चढ़ाते हुए लड़के का ऑपरेशन किया। यह एक कठिन सर्जरी थी, लेकिन हमारे वरिष्ठ सर्जन ने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया।’

उन्होंने कहा, ‘हमले में लड़के की फेमरल आर्टरी फट गई और इससे भारी खून शरीर से बह गया। लड़का हमले के बाद जान बचाने के लिए लगभग 300 मीटर तक भागा होगा, जिससे और खून बह गया। जिस सहपाठी ने लड़के की जांघ पर अपनी शर्ट बांधी, उससे उसे कुछ और समय मिल सका। ऑपरेशन के बाद लड़का वेंटिलेटर पर था और हमने उसे बचाने की पूरी कोशिश की। उसने 19 अगस्त की रात को अंतिम सांस ली।’

पुलिस पूरे मामले पर क्या कह रही है?

किशोर का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के लिए जाने वाले रास्ते पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। पुलिस द्वारा ड्रोन से भी इसकी निगरानी की गई। किशोर घर के आसपास भी पुलिस की भारी तैनाती की गई थी।

उदयपुर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल अजयपाल लांबा ने बताया, ‘स्थिति अब नियंत्रण में है। हमने जनता को आश्वस्त किया है कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं आएगी। हमलावर लड़के को हिरासत में ले लिया गया है और हम उसके पिता से पूछताछ कर रहे हैं कि उनके बेटे के पास चाकू कैसे आया।’

पुलिस ने हालांकि दोनों लड़कों के बीच झगड़े के पीछे के कारण पर कुछ भी नहीं कहा। वहीं, सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच पहले भी दिन में एक बार बहस हुई थी, लेकिन एक शिक्षक ने उन्हें अलग कर दिया था।

यह भी पढ़ें- उदयपुर के स्कूल में चाकूबाजी के बाद कैसे फैला सांप्रदायिक तनाव, इंटरनेट बंद…अब तक क्या बातें सामने आई हैं?

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