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तुर्की में एर्दोगन के प्रतिद्वंद्वी और इंस्तांबुल के मेयर इमामोग्लू गिरफ्तार, आतंकी समूह की मदद का आरोप

इस्तांबुल: तुर्की ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू को भ्रष्टाचार और एक आतंकवादी समूह की मदद करने के आरोप में हिरासत में ले लिया है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने बुधवार को इसे ‘हमारे अगले राष्ट्रपति के खिलाफ तख्तापलट’ कहा। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमामोग्लू के खिलाफ यह कदम देश भर में विपक्षी नेताओं पर महीनों से चल रही कानूनी कार्रवाई का परिणाम है, जिसे उनकी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के राजनीतिक प्रयास के रुप में देखा जा रहा है।

ओपिनियन पोल में आगे थे इमामोग्लू

54 वर्षीय इमामोग्लू को कुछ ओपिनियन पोल में एर्दोगन से आगे बताया गया। उन्हें कुछ ही दिनों में उनकी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) का आधिकारिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना था। अब उन पर दो अलग-अलग जांच चल रही हैं, जिनमें आपराधिक संगठन का नेतृत्व करने, रिश्वतखोरी और टेंडर में धांधली के आरोप भी शामिल हैं।

हालांकि अधिकारियों ने अस्थायी तौर पर विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया और पुलिस ने शहर की कुछ सड़कों को बंद कर दिया, फिर भी लगभग 100 लोग उस पुलिस स्टेशन के सामने इक्ट्ठा हुए जहां इमामोग्लू को ले जाया गया था। वह नारेबाजी कर रहे थे।

सीएचपी नेता ओजगुर ओजेल ने विपक्षी एकता की अपील की और कहा कि उनकी पार्टी रविवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में इमामोग्लू का चयन करेगी।

ओजेल ने कहा, “तुर्की अगले राष्ट्रपति के खिलाफ तख्तापलट के प्रयास का सामना कर रहे हैं।”

हार नहीं मानेंगे

बुधवार की सुबह हिरासत के लिए अपने घर से निकलने की तैयारी करते समय सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, इमामोग्लू ने कहा कि वह हार नहीं मानेंगे।

अगला चुनाव 2028 में होना है, लेकिन एर्दोगन राष्ट्रपति के रूप में अपने दो कार्यकाल की सीमा तक पहुंच चुके हैं। इससे पहले वे प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अगर वे फिर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव कराना होगा या संविधान में बदलाव करना होगा।

एर्दोगन को पिछले साल राष्ट्रव्यापी नगरपालिका चुनावों में अपनी सबसे खराब चुनावी हार का सामना करना पड़ा था, जब इमामोग्लू की सीएचपी ने तुर्की के प्रमुख शहरों में जीत हासिल की थी।

सरकार ने विपक्ष के आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि न्यायपालिका स्वतंत्र है।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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