वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर लगाए जाने वाले 50 प्रतिशत टैरिफ को सही ठहराया है। ट्रंप के फैसले को जायज ठहराने के लिए नवारों ने एक बेहद विवादित और आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने भारत के ब्राह्मणों पर ‘भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी’ करने का आरोप लगाया है।
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा, मोदी एक महान नेता हैं। लेकिन मैं नहीं समझ पाता कि जब वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं, तो पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों जा रहे हैं। उन्होंने भारतीय लोगों से कहा कि आप समझिए कि यहाँ क्या हो क्या रहा है। यहाँ भारतीय लोगों की कीमत पर ब्राह्मण मुनाफाखोरी कर रहे हैं। हमें इसे रोकना होगा। यही नहीं नवारों ने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया।
‘भारत रूस के लिए एक लॉन्ड्रोमैट है’
जब नवारो से पूछा गया कि भारत पर 50 प्रतिशत का इतना भारी टैरिफ क्यों लगाया गया है, तो उन्होंने कहा यह बिल्कुल जायज और सही है। उन्होंने कहा, पुतिन के यूक्रेन पर हमला करने से पहले, भारत रूसी तेल बहुत कम खरीदता था। अब क्या हुआ? अब रूसी रिफाइनरियों से छूट मिल रही है, भारत उसे रिफाइन करता है और फिर यूरोप, अफ्रीका और एशिया में ऊँचे दामों पर बेचता है। यह सीधे-सीधे रूसी युद्ध मशीन को ताकत दे रहा है।
नवारो ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए भारत को ‘क्रेमलिन के लिए एक लॉन्ड्रोमैट’ (पैसे साफ करने की मशीन) बताया। उन्होंने कहा कि भारत के ऊँचे टैरिफ के कारण अमेरिकी नागरिक भी नुकसान उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, 50 परसेंट टैरिफ में से 25 प्रतिशत इसलिए है, क्योंकि भारत टैरिफ लगाने के मामले में महाराजा है। उनके टैरिफ दुनिया में सबसे ऊँचे हैं। वे हमें अपना सामान नहीं बेचने देते।
नवारो ने आरोप लगाया कि इसका नुकसान अमेरिका के मजदूरों, करदाताओं और यूक्रेन के उन लोगों को हो रहा है, जो रूसी ड्रोन हमलों में मारे जा रहे हैं। उन्होंने भारत को चेतावनी भी दी कि अगर उसे अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बनना है, तो उसे उस तरह का व्यवहार भी करना होगा।
‘यह मोदी का युद्ध है’
इससे पहले भी नवारो भारत पर कई तीखे हमले कर चुके हैं। ट्रंप प्रशासन ने जब भारत पर टैरिफ लगाए थे, तब नवारो ने रूस-यूक्रेन युद्ध को ‘मोदी का युद्ध’ तक कह दिया था। उन्होंने भारत से यह भी कहा था कि “आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, उसी तरह व्यवहार कीजिए… लोकतंत्रों का साथ दीजिए… (इसके बजाय) आप तानाशाहों के साथ जा रहे हैं।” नवारों ने कहा कि यूक्रेन में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है।
भारत पर 27 अगस्त को 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद 29 अगस्त के अपने ट्वीट में नवारों ने भारत पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि भारत से आयात होने वाले सामानों पर ट्रंप द्वारा लगाया गया 50% टैरिफ सिर्फ व्यापारिक विवाद के कारण नहीं, बल्कि इसलिए है क्योंकि भारत रूस के युद्ध फंड की ‘वित्तीय जीवनरेखा’ बना हुआ है।
नवारो ने अपने पोस्ट में आँकड़े भी दिए थे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले, भारत के कुल तेल आयात में रूसी तेल का हिस्सा 1 प्रतिशत से भी कम था। लेकिन आज, यह 30 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है जो हर दिन 1.5 मिलियन (15 लाख) बैरल से ज्यादा है।
नवारो का लिखा था कि तेल की यह मांग भारत की घरेलू जरूरत से नहीं बढ़ रही है, बल्कि यह भारतीय मुनाफाखोरों की वजह से है। उन्होंने इसे खून और तबाही की कीमत बताया। नवारो ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि भारत लगातार रूस से हथियार खरीद रहा है, जबकि साथ ही वह अमेरिकी कंपनियों से संवेदनशील सैन्य तकनीक और भारत में प्लांट बनाने की मांग भी करता है।
नवारो ने 50 प्रतिशत टैरिफ को लेकर अपनी पोस्ट में कहा था, ट्रंप प्रशासन ने इस समस्या पर ध्यान दिया है, जबकि बाइडेन प्रशासन ने इसे अनदेखा किया। उन्होंने 50 प्रतिशत टैरिफ को दो हिस्सों में बाँटा है- 25 प्रतिशत अनुचित व्यापार के लिए और 25% राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए।
नवारो ने चीन के साथ चल रही बातचीत को लेकर उम्मीद जताई और कहा कि अमेरिका चीन पर 50% से अधिक टैरिफ बरकरार रखेगा। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका के लिए एक अच्छी बात है, क्योंकि इससे उसे बातचीत में फायदा होगा।इंटरव्यू में नवारो ने आगे कहा कि भारत व्यापार में असंतुलन पैदा कर रहा है और ऐसे भू-राजनीतिक गठबंधन बना रहा है जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं। नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान नेता बताया, लेकिन यह भी कहा कि रूस और चीन के साथ भारत के संबंध दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में उसकी छवि को नुकसान पहुँचा रहे हैं।