Thursday, October 9, 2025
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हार्वर्ड विश्वविद्यालय पर ट्रंप ने लगाए नए प्रतिबंध, स्टूडेंट फंड में की कटौती

हार्वर्ड विश्वविद्यालय पर ट्रंप प्रशासन ने नए प्रतिबंध का ऐलान किया है। इसके तहत छात्रों को दी जाने वाली सहायता के लिए फंड पहले विश्वविद्यालय फंड से भरपाई करनी होगी।

मैसाचुसैट्सः ट्रंप प्रशासन ने मैसाचुसैट्स स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों के तहत छात्रों की सहायता के लिए दिए जाने वाले फंड में कटौती की गई है। इसके अलावा हार्वर्ड की वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई गई है।

अमेरिकी शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कहा है कि कैंब्रिज, मैसाचुसेट्स स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय को “उच्च नकदी निगरानी” की स्थिति में रखा गया है। इसके तहत अब हार्वर्ड को विभाग से धन लेने से पहले संघीय छात्र सहायता वितरित करने के लिए स्वयं के धन का इस्तेमाल करना होगा।

शिक्षा विभाग ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को क्या आदेश दिया?

शिक्षा विभाग ने इसके साथ ही हार्वर्ड विश्वविद्यालय को अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए 36 मिलियन डॉलर (3 अरब 17 करोड़ रुपये) का ऋण पत्र भी जारी करने का आदेश दिया। अधिकारियों ने व्हाइट हाउस के साथ चल रहे विवादों के बीच बॉन्ड जारी करने और छंटनी लागू करने के विश्वविद्यालय के फैसले को भी चिंता का कारण बताया है।

ट्रंप ने इस बीच विश्वविद्यालयों की जांच तेज कर दी है। इसके साथ ही सरकार की नीतियों से मेल न होने पर फंड में कटौती की भी धमकी दी है। ट्रंप प्रशासन ने फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों, ट्रांसजेंडर नीतियों, जलवायु पहलों और विविधता, हिस्सेदारी और समावेशन जैसे मुद्दों पर फंड कटौती की धमकी दी है।

दरअसल, ट्रंप समर्थक डीईआई (DEI) नीतियों को श्वेत नागरिकों के लिए भेदभावपूर्ण मानते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप भी डीईआई नीतियों के खिलाफ रहे हैं।

शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि हार्वर्ड विश्वविद्यालय अपने नागरिक अधिकार कार्यालय के रिकॉर्ड अनुरोधों का पालन करने में असफल रहता है तो यह सभी तरह की संघीय छात्र सहायता (फेडरल स्टूडेंट एड) को गंवा सकता है।

यह भी पढ़ें – एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव के बाद टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को दिया 24 घंटे के भीतर लौटने का निर्देश

शिक्षा विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या हार्वर्ड स्नातक प्रवेश में नस्ल के आधार पर विचार करना जारी रखता है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने साल 2023 में नस्लीय अल्पसंख्यकों (रेसियल माइनोरिटी) के नामांकन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सकारात्मक कार्रवाई प्रथाओं को रद्द कर दिया। इससे पहले इस साल की शुरुआत में ट्रंप सरकार ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और ब्राउन विश्वविद्यालय से भी जांच का निपटारा किया। इसके तहत कोलंबिया विश्वविद्यालय करीब 22 करोड़ डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हुआ।

वहीं, ब्राउन विश्वविद्यालय स्थानीय कार्यबल के विकास के लिए 5 करोड़ डॉलर का भुगतान करेगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हार्वर्ड के साथ कोई भी समझौता 50 करोड़ डॉलर से कम का नहीं होना चाहिए।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से भी समझौते का प्रस्ताव रखा

ट्रंप प्रशासन ने इसके अलावा कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) के साथ एक अरब डॉलर के समझौते का प्रस्ताव भी रखा। हालांकि, इस प्रस्ताव को गवर्नर गेविन न्यूसम ने जबरन वसूली बताया। यूसीएलए ने कहा कि सरकार ने लगभग 60 करोड़ डॉलर की फंडिंग रोक दी है।

इससे पहले शुक्रवार को यूसीएलए ने विरोध प्रदर्शनों हेतु नए नियमों का अनावरण किया। ये नियम सितंबर 2024 में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों और एक फिलिस्तीनी समर्थक शिविर पर हुए हिंसक हमले के बाद लागू की गई अंतरिम नीतियों को औपचारिक रूप देते हैं। ये नीतियां अनधिकृत शिविरों पर प्रतिबंध लगाती हैं, नियमों के उल्लंघन पर मास्क पहनने पर प्रतिबंध लगाती हैं। इसके साथ ही कुछ बाहरी स्थानों को उन प्रदर्शनों के लिए प्रतिबंधित करती हैं जिनकी पूर्व अनुमति नहीं है।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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