Friday, October 10, 2025
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निज्जर मामले में PM मोदी के जिक्र वाले कनाडाई मीडिया रिपोर्ट को ट्रूडो सरकार ने कहा ‘अटकलबाजी’

ओटावा: कनाडा की सरकार ने एक हालिया विवादास्पद रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण दिया है। जस्टिन ट्रूडो सरकार ने दरअसल कनाडा की अखबार में छपी एक रिपोर्ट को ‘अटकलबाजी और गलत’ करार दिया है। इस रिपोर्ट में खालीस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़ा गया था।

कनाडा की सरकार ने एक बयान में कहा, ’14 अक्टूबर को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और चल रहे खतरे की वजह से, आरसीएमपी और अधिकारियों ने कनाडा में भारत सरकार के एजेंटों द्वारा की गई गंभीर आपराधिक गतिविधि के संबंध में सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया।’

मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बयान में आगे कहा गया, ‘कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर, या एनएसए अजीत डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने को लेकर कोई बात नहीं कही है, न ही उसे इस संबंध में किसी सबूत की जानकारी है। इसके अलावा इस संबंध में कोई भी बात अटकलबाजी और गलत दोनों है।’

कनाडा के अखबार में क्या कहा गया था?

कनाडा के प्रतिष्ठित अखबार माना जाने वाले ‘द ग्लोब एंड मेल’ में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के विवाद को लेकर एक आर्टिकल छापा गया था। इसमें घटनाक्रम को पीएम मोदी और एनएसए डोभाल से जोड़ते हुए पेश करने की कोशिश की गई थी। आतंकी निज्जर की हत्या पिछले साल जून में हुई थी।

न्यूज-18 के अनुसार कनाडा के इस अखबार की रिपोर्ट में एक अनाम सुरक्षा अधिकारी का हवाला देते हुए दावा किया गया था कि ‘कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है कि पीएम मोदी पहले से निज्जर की हत्या के बारे में जानते थे।’

गौरतलब है कि निज्जर की हत्या पर विवाद के बाद से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद काफी गहरा गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने खुद आरोप लगाया था है कि भारतीय अधिकारी इस घटना में शामिल थे, जबकि नई दिल्ली ने दावों को खारिज कर दिया है।

कनाडाई अखबार की रिपोर्ट पर भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट को खारिज किया है और इसे ‘बदनामी करने का अभियान’ करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘कनाडाई सरकार के एक सूत्र द्वारा कथित तौर पर एक अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को उस अवमानना ​​के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। इस तरह के बदनामी करने के प्रयास वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं।’

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