Friday, October 10, 2025
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विवादों में घिरी तृणमूल कांग्रेस ने तीन टीवी चैनलों का किया बहिष्कार, बहस के लिए अपने प्रवक्ता नहीं भेजेगी पार्टी

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल की एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और फिर हत्या के बाद आलोचनाओं के घेरे में आई पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस का नया फरमान अपने कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं के लिए आया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं को तीन टीवी चैनलों पर नहीं जाने के निर्देश दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने इन तीनों चैनलों पर ‘बंगाल-विरोधी प्रोपेगैंडा’ चलाने के आरोप लगाए हैं।

पार्टी की ओर से एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया, ‘एआईटीसी (तृणमूल कांग्रेस) ने फिलहाल एबीपी आनंदा, रिपब्लिक और टीवी9 जैसे मीडिया चैनलों पर अपने प्रवक्ताओं को उनके लगातार बंगाल विरोधी एजेंडा संचालित करने कारण नहीं भेजने का फैसला किया है। इनके प्रवर्तकों और कंपनियां प्रवर्तन मामलों और जांच सामना कर रही हैं। इसे देखते हुए हम उनके दिल्ली के ‘जमींदारों’ को खुश करने की उनकी मजबूरी को समझते हैं।’

पार्टी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘हम पश्चिम बंगाल के लोगों से यह भी स्पष्ट करते हैं और अनुरोध करते हैं कि वे चर्चा या बहस के दौरान इन प्लेटफार्मों पर पार्टी समर्थकों या सहानुभूति रखने वालों के रूप में दिखाए जाने वाले व्यक्तियों से गुमराह न हों, क्योंकि वे पार्टी द्वारा अधिकृत नहीं हैं और हमारे आधिकारिक रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। बंगाल के लोगों ने इस अपवित्र बांग्ला विद्रोही गठजोड़ को लगातार खारिज किया है और प्रचार की बजाय हमेशा सच्चाई को चुना है।’

इस निर्देश से एक दिन पर एबीपी आनंद पर एक टीवी डिबेट के दौरान तृणमूल नेता और सांसद काकोली घोष दस्तीदार और भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल के बीच तल्ख बहस देखने को मिली थी। काकोली घोष दस्तीदार ने पेशे से फैशन डिजाइनर पॉल को ‘साड़ी बनाने वाली’ कहा था। पॉल ने इस पर जवाब दिया कि उन्हें अपने पेशे पर बेहद गर्व है। भाजपा विधायक ने यह भी आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी सरकार अपराधियों को पनाह देती है और महिलाओं की दुर्दशा को नजरअंदाज करती रही है।

इसी कार्यक्रम में तृणमूल नेता दस्तीदार की एक और टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने कहा था कि बंगाल में सीपीएम के शासन के दौरान मेडिकल स्टूडेंट को पास मार्क्स के लिए ‘गोद में बिठाया जाता था।’ इस टिप्पणी की महिला डॉक्टरों ने कड़ी आलोचना की थी। इसके बाद तृणमूल सांसद को माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा था।

अपने विवादित बयान के बात तृणमूल सांसद ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘एबीपी आनंदा टॉक शो में दिए गए किसी भी बयान से अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगती हूं। मैं अपना बयान वापस लेती हूं। मेरा इरादा हमेशा महिलाओं की भलाई और अधिकारों की वकालत करना रहा है और रहेगा।’

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