Homeभारतपूजा खेडकर विवाद: IAS अधिकारी के पिता के पास 40 करोड़ की...

पूजा खेडकर विवाद: IAS अधिकारी के पिता के पास 40 करोड़ की संपत्ति, फिर भी नॉन क्रीमी ओबीसी का सर्टिफिकेट! दिव्यांगता टेस्ट से भी 6 बार मुकरने के आरोप

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का ट्रांसफर इन दिनों काफी चर्चा में हैं। कई विवादों के सामने आने के बीच पूजा का तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया है। ट्रेनी अधिकारी होने के बावजूद उन्होंने अलग से केबिन, आधिकारिक कार, आवास और स्टाफ की मांग की थी। ऐसी मांग उन्होंने तीन जून को बतौर ट्रेनी ज्वाइन करने से पहले ही मांग ली थी। हाल ही में पूजा खेडकर ने उस समय एक और विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगवाए।

वैसे, यह पहली बार नहीं है जब पूजा विवादों में घिरी हैं, इससे पहले भी उनकी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में ज्वाइनिंग को लेकर विवाद हो चुका है। पूजा पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर यूपीएससी में भर्ती होने के लिए अपने हलफनामे में दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा किया है।

पूजा की ज्वाइनिंग पर उठे थे सवाल

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूजा के विकलांगता वाले दावों के कारण उन्हें विशेष रियायत मिली है जिसके चलते अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) में 821 जैसे कम अंक लाने के बावजूद वे यूपीएससी की परीक्षा को पास होने में कामयाब हो पाई थी।

जब उनका यूपीएससी में चयन हो गया था तो उनकी विकलांगता वाले दावे को लेकर का विवाद भी हुआ था जिसके बाद यूपीएससी ने उनकी विकलांगता को सत्यापित करने को कहा था।

इसके लिए यूपीएससी ने पूजा को मेडिकल टेस्ट कराने को कहा था जिसमें वे एक बार भी शामिल नहीं हुई थी। संघ ने पूजा को दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल में टेस्ट करने के लिए छह अलग-अलग बार बुलाया था लेकिन वे हाजिर नहीं हुई थी।

हालांकि टेस्ट के लिए इतनी बार बुलाने पर वे एक बार राजी हो गई थी लेकिन जरूरी एमआरआई के लिए वह तैयार नहीं हुई थी जिसमें उनकी आंखों की रोशनी का टेस्ट होने वाला था।

कैट ने पूजा के पक्ष में सुनाया फैसला

बाद में पूजा ने अन्य मेडिकल सेंटर से एक एमआरआई रिपोर्ट पेश की थी जिसे संघ ने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद संघ ने उनके चयन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी जिसमें पूजा की जीत हुई थी। इसके बाद संघ ने आईएएस पूजा की नियुक्ति की पुष्टि कर दी थी।

पूजा के ओबीसी गैर-क्रीमी लेयर को लेकर भी उठा था सवाल

इसके बाद पूजा एक और विवाद में घिर गई थी। पूजा ने संघ की परीक्षा के दौरान यह दावा किया था कि वे ओबीसी गैर-क्रीमी लेयर के अंतरगत आती हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने सवाल उठाया कि पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने वंचित बहुजन आघाडी के टिकट पर 2024 लोकसभा चुनाव लड़ा था और उन्होंने अपनी चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 40 करोड़ घोषित की थी। ऐसे में पिता की इतनी संपत्ति होने के बाद वे कैसे ओबीसी गैर-क्रीमी लेयर के लिए पात्र हो सकती हैं।

पूजा पर लगे थे ये आरोप

विवादों में पूजा फिर से तब घिरी जब सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में महाराष्ट्र सरकार ने उनका ट्रांसफर कर दिया। उनका तबादला पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे के मुख्य सचिव द्वारा लिखे गए पत्र के बाद हुआ है।

अब पूजा वाशिम में अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के रूप में काम करेंगी। पूजा पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रोबेश के दौरान एक प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी को जिस तरीके के विशेष अधिकार नहीं दिए जाते हैं, उन्होंने उस तरीके विशेषाधिकारों की मांग की थी।

पिता पर दबाव डालना का भी लगा है आरोप

पूजा खेडकर पर यह आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने प्रोबेश के दौरान लाल-नीली बत्ती वाली निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करना, आधिकारिक कारें, आवास, एक कार्यालय कक्ष और अतिरिक्त कर्मचारियों का अनुरोध किया था जो एक प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी को नहीं दी जाती है।

उन पर अतिरिक्त कलेक्टर की अनुपस्थिति में उनके कक्ष पर कब्जा करने और कर्मचारियों को व्यक्तिगत कार्यालय आपूर्ति प्रदान करने का निर्देश देने का भी आरोप लगा है। यही नहीं खेडकर के पिता पर कथित तौर पर इन मांगों को पूरा करने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव डालने का भी आरोप लगा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version