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ट्रंप प्रशासन की बड़ी चूक, हूतियों पर हमले की योजना को लेकर बनाए चैट ग्रुप में गलती से जोड़ा गया पत्रकार

वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने यमन में हूती समूह पर हमलों के लिए गुप्त अमेरिकी सैन्य योजनाओं की तैयारी के दौरान एक चौंकाने वाली गलती कर दी, जिसका खुलासा हुआ है। दरअसल, अधिकारियों द्वारा निजी चैट में गलती से एक पत्रकार को जोड़ दिया गया।

सामने आई जानकारी के अनुसार सिग्नल ऐप के चैट ग्रुप में ‘द अटलांटिक’ के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को गलती से शामिल कर दिया गया था। इस ग्रुप का नाम ‘हूती पीसी स्मॉल ग्रुप’ (Houthi PC small group) रखा गया था, जहाँ वरिष्ठ अधिकारी यमन पर अमेरिकी हमलों सहित गोपनीय सैन्य योजनाओं पर चर्चा करते थे।

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार यह गलती शीर्ष अधिकारियों से संबंधित थी। इस ग्रुप में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड तक शामिल थीं। सिग्नल ऐप एन्क्रिप्टेड होने के बावजूद, गुप्त जानकारियों को साझा करने के लिए स्वीकृत नहीं है।

दरअसल, पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग ने पाया कि उन्हें ट्रंप प्रशासन के 18 वरिष्ठ सदस्यों के साथ “हूती पीसी स्मॉल ग्रुप” नाम के ग्रपु में जोड़ दिया गया था। अपनी रिपोर्ट में गोल्डबर्ग ने कहा कि उन्होंने सीआईए अधिकारी और चल रहे ऑपरेशनों के बारे में विवरण सहित संवेदनशील सामग्री को तुरंत हटा दिया था।

डोनाल्ड ट्रंप बोले- मैं इसके बारे में नहीं जानता

इस बीच व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूज ने द गार्डियन से पुष्टि की कि मैसेज वास्तविक थे। ह्यूज ने कहा, ‘यह एक प्रामाणिक संदेश श्रृंखला प्रतीत होती है, और हम इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि कैसे एक अनजाने नंबर को चेन में जोड़ा गया।’ 

उन्होंने अधिकारियों का बचाव भी किया और दावा किया कि सैन्य अभियान सफल रहा। उन्होंने कहा, ‘ये थ्रेड दिखाता है कि बड़े अधिकारियों के बीच नीति पर गहरी और सोची-समझी समन्वय था। हूती ऑपरेशन की लगातार सफलता बताती है कि हमारे सैनिकों या राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था।’

जब मैसेल लीक होने की इस घटना के बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया तो उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा, ‘मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मैं द अटलांटिक का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं।’ 

बाद में, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक बयान जारी किया जिसमें जोर देकर कहा गया कि ट्रंप को अभी भी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम पर ‘अत्यंत भरोसा’ है।

लीक हुए संदेशों में कुछ चौंकाने वाली बातचीत भी सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार उपराष्ट्रपति वेंस ने वैश्विक शिपिंग मार्गों की रक्षा का भार अमेरिका पर डालने पर निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, ‘मुझे यूरोप को फिर से बचाने से नफरत है।’ हेगसेथ ने कथित तौर पर इस बात से सहमति जताई और अमेरिकी सैन्य सहायता पर यूरोपीय निर्भरता को ‘दयनीय’ बताया।

15 मार्च को हूतियों पर शुरू हुआ था हमला

ट्रंप प्रशासन द्वारा हूतियों के खिलाफ पहला अमेरिकी हमला 15 मार्च को शुरू हुआ, जब हूती विद्रोहियों ने गाजा की नाकाबंदी को लेकर इजरायल के खिलाफ हमले फिर से शुरू करने की धमकी दी थी।

ये हमले सप्ताहांत में और अधिक होने के साथ जारी रहे और सोमवार तक चले। हूती समूह ने नवंबर 2023 से पश्चिम एशिया के जलक्षेत्र लाल सागर, अदन की खाड़ी, बाब अल-मंदेब जलडमरूमध्य और अरब सागर में करीब 100 व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। यह हमले तब शुरू हुए, जब इजरायल ने हमास के 7 अक्टूबर के आतंकी हमलों का जवाब दिया था।

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