Friday, October 10, 2025
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विदेशी स्कैम कॉलों पर दूरसंचार विभाग सख्त, 2-टियर सिस्टम से शिकंजा कसना शुरू

नई दिल्ली: विदेश से भारत में आने वाले स्कैम वाले कॉल को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (डॉट) ने दो-चरणीय प्रणाली की शुरुआत की है। इस सिस्टम के तहत भारत में अंतरराष्ट्रीय नंबरों से आने वाले स्पैम और स्कैम कॉलों को रोका जाएगा।

डॉट का पहला चरण टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों (टीएसपी) पर केंद्रित हैं। इस चरण के पहले लेवल में टीएसपी उन अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों को रोकने की कोशिश करेंगे जो उनके नेटवर्क से की जाएगी।

वहीं अगर बात करें पहले चरण के दूसरे लेवल का तो इसमें टीएसपी द्वारा उन अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों को रोका जाएगा जो दूसरे नेटवर्क से किए जाएंगे। डॉट ने कहा है कि अभी केवल पहले चरण को ही लागू किया गया है।

दूसरे चरण के शुरू होने पर बोलते हुए डॉट ने कहा है कि इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। विभाग ने आगे कहा है कि फिलहाल सभी चार प्रमुख टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा पहले चरण को लागू किया गया है। इस सिस्टम के तहत एक तिहाई यानी लगभग 4.5 मिलियन (45 लाख) फर्जी कॉलों को रोका गया है।

दूसरा चरण कैसे करेगा काम

विभाग ने बताया कि दूसरा चरण एक सेंट्रल सिस्टम होगा जिसमें विदेश से आने वाले हर स्पैम और स्कैम वाले कॉल को रोका जाएगा। इस चरण में अन्य टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों से आने वाले कॉलों को रोकने पर फोकस किया जाएगा।

डॉट ने यह भी माना है कि तमाम तरह की सुरक्षा के बावजूद स्कैमर अन्य माधय्म जैसे व्हाट्सऐप और अन्य ओटीटी से स्पैम और स्कैम वाले कॉल कर रहे हैं। ऐसे में विभाग ने इस तरह के धोखाधड़ी पर अंकुश लागने के लिए कई और पहल की भी शुरुआत की है।

एआई का भी हो रहा है इस्तेमाल

साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए डॉट द्वारा डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) की भी शुरुआत की गई है। यही नहीं विभाग द्वारा संचार साथी पोर्टल को भी लॉन्च किया गया है। यह लोगों को उनके खोए या फिर चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और उन्हें ब्लॉक करने में लोगों की मदद करता है।

इसके आलावा डॉट ने ऑनलाइन घोटालों से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों, दूरसंचार ऑपरेटरों और बैंकों के बीच सूचना को साझा करने के लिए एक डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म को भी लागू किया है।

विभाग द्वारा एआई टूल्स का भी इस्तेमाल कर नकली मोबाइल कनेक्शन की पहचान कर उन्हें बंद करने का भी काम किया जा रहा है। यही नहीं भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा देश के टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों को एआई और मशीन लर्निंग के टूल्स को भी इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है।

ट्राई ने कहा है कि इसके जरिए अपंजीकृत टेलीमार्केटरों से आने वाले स्पैम कॉल और मैसेजों की पहचान कर उन्हें रोका जाए।

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