उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों ने एक बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम दिया है। शुक्रवार देर रात डेरा इस्माइल खान जिले में एक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में कम से कम सात पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 13 घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने छह हमलावरों को मार गिराया, जिसके बाद लगभग छह घंटे तक चली मुठभेड़ खत्म हुई।
पाकिस्तान के टीवी चैनल जियो न्यूज के अनुसार, पुलिस ने बताया कि यह हमला शुक्रवार देर रात रट्टा कुलाची इलाके में हुआ। सभी आतंकवादी कथित तौर पर पुलिस की वर्दी पहने हुए थे। हमलावरों ने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और परिसर में घुसने के लिए एक विस्फोटक से लदे वाहन को ट्रेनिंग सेंटर की बाहरी दीवार से टकरा दिया। मुख्य गेट पर इस जोरदार धमाके के बाद दीवार का एक हिस्सा ढह गया। इसके तुरंत बाद भारी हथियारों से लैस आतंकी परिसर में घुस गए और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों व प्रशिक्षणार्थियों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने हथगोले भी फेंके।
रिपोर्ट के अनुसार, तैनात पुलिस अधिकारियों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी, जिसके बाद भीषण गोलीबारी हुई। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने परिसर को घेर लिया और लगभग छह घंटे की मुठभेड़ के बाद छह आतंकवादियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों के पास से आत्मघाती जैकेट, विस्फोटक, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए। डेरा इस्माइल खान के पुलिस प्रमुख सज्जाद अहमद ने बताया कि हमले के समय ट्रेनिंग सेंटर के अंदर लगभग 200 रंगरूट और प्रशिक्षक मौजूद थे। हालांकि पुलिस ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस बीच, हमलावरों ने पास के राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण के कार्यालय में भी आग लगा दी, जिसका इस्तेमाल उन्होंने सुरक्षा बलों की आवाजाही को बाधित करने के लिए किया।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
खैबर पख्तूनख्वा के डीजीपीआर मुहम्मद इमरान खान ने बताया कि हमले के दौरान सभी जवानों को सतर्क कर दिया गया था और व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में KP के कई इलाकों- बन्नू, पेशावर, करक, लक्की मरवत और बाजौर में सुरक्षा बलों पर हमलों की श्रृंखला देखी गई है।
गुरुवार को डेरा इस्माइल खान में एक इंटेलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौत हो गई थी, जबकि बुधवार को पुलिस नाके पर हुए हमले में एक अन्य अधिकारी शहीद हुआ था।
इस हमले की जिम्मेदारी शुरू में प्रतिबंधित समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली थी, लेकिन बाद में उसने एक दूसरा बयान जारी कर अपनी भागीदारी से इनकार कर दिया। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान, खासकर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत, में सुरक्षा स्थिति लगातार बिगड़ रही है। हाल ही में डेरा इस्माइल खान में गुरुवार को एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान एक वरिष्ठ सेना अधिकारी मारा गया था, जबकि बुधवार को इसी जिले में एक पुलिस चौकी पर हमला होने से एक पुलिसकर्मी की जान चली गई थी।
‘970 आतंकवादी मारे गए, जबकि 311 सैनिक और 73 पुलिसकर्मी शहीद हुए’
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख प्रवक्ता, अहमद शरीफ चौधरी ने शुक्रवार को कहा था कि 2021 से आतंकवाद में वृद्धि हुई है, खासकर अफगानिस्तान से सटे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में। उन्होंने बताया कि इस साल 15 सितंबर तक सुरक्षा बलों ने 10,000 से अधिक आतंकवाद-विरोधी अभियान चलाए हैं, जिनमें 970 आतंकवादी मारे गए, जबकि 311 सैनिक और 73 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। देश में एक तरफ लाहौर में सुरक्षा बलों और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के बीच हिंसक झड़पों के बाद विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में टीटीपी का खतरा बढ़ रहा है। पाकिस्तान वर्तमान में टीटीपी से लड़ने के लिए लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत के बीच गठबंधन बनाने की भी कोशिश कर रहा है।