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तेलंगानाः माथे पर धार्मिक चिन्ह लगाने को लेकर प्रिंसिपल ने छात्रों को पीटा, स्कूल ने किया निलंबित

हैदराबादः तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में एक स्कूल के प्रिंसिपल पर छात्रों की पिटाई करने का आरोप लगा है। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उसने छात्रों द्वारा माथे पर धार्मिक चिन्ह (बोट्टू) लगाने पर कथित तौर पर पिटाई की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्मैया छात्रों को जबरन वाशरूम में ले गए और उनसे निशान हटाने को कहा। घटना की सूचना मिलने पर अभिभावक गुस्सा हो गए। वहीं, स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है। 

अभिभावकों ने किया विरोध प्रदर्शन

इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक, घटना की जानकारी मिलने पर अभिभावकों में आक्रोश फैल गया और उन लोगों ने प्रिंसिपल के खिलाफ कार्यवाई की मांग को लेकर स्कूल में विरोध प्रदर्शन किया। 

अभिभावकों के गुस्से और विरोध प्रदर्शन के बाद स्कूल प्रशासन की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। स्कूल स्टाफ ने कहा है कि लक्ष्मैया विरोध के दिन अनुपस्थित थे। 

स्कूल प्रशासन ने की आलोचना

स्कूल प्रशासन ने प्रिंसिपल के कृत्यों की आलोचना की है। स्कूल के चेयरमैन मल्ला रेड्डी ने कहा कि छात्रों को शारीरिक रूप से हमला करना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों से माफी मांगी और लक्ष्मैया को तत्काल निलंबित करने की घोषणा की।

रेड्डी ने आश्वासन दिया कि स्कूल प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी वातावरण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा। 

क्या है बोट्टू? 

बोट्टू एक धार्मिक प्रतीक होता है जिसे माथे पर लगाया जाता है। इसे माथे और भौंहों के बीच लगाया जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में इसे बिंदी या तिलक के रूप में भी जाना जाता है। यह एक तेलुगु भाषी शब्द है। टीका, तिलक, तिलकम और सिंदूर इसके कुछ अन्य नाम हैं।

 इसका धार्मिक महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसे लगाने से तेज बढ़ता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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