Homeभारततमिलनाडु में 1000 करोड़ का शराब घोटाला, तस्मैक अधिकारियों को रिश्वत में...

तमिलनाडु में 1000 करोड़ का शराब घोटाला, तस्मैक अधिकारियों को रिश्वत में बहा पैसा! भाजपा ने घेरा

चेन्नई: तमिलनाडु में शराब की बिक्री पर एकछत्र अधिकार रखने वाली तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (Tasmac) में 1000 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया है कि शराब सप्लाई करने वाली डिस्टिलरी कंपनियों ने बोतल निर्माण कंपनियों के साथ मिलकर फर्जी खर्च और खरीदारी के जरिए भारी रकम हड़पी। यह पैसा तस्मैक अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर दिया गया, ताकि कंपनियों को ज्यादा सप्लाई ऑर्डर मिल सकें।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ईडी ने 6 मार्च से चार दिनों तक तस्मैक मुख्यालय, उसके डिपो, डिस्टिलरी और कई कंपनियों के कार्यालयों पर छापेमारी की। जिन डिस्टिलरी और कंपनियों की जांच की गई, उनमें एसएनजे, काल्स, एकॉर्ड, एसएआईएफएल, शिवा डिस्टिलरी और कुछ अन्य शामिल हैं।

गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ईडी ने बताया कि देवी बोतल, क्रिस्टल बोतल और होल्डिंग के लिए जैसी कंपनियों ने अपनी बिक्री के आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए, जिससे डिस्टिलरी कंपनियों को अतिरिक्त भुगतान का रास्ता मिल गया। ये पैसे नकद में निकालकर कमीशन काटने के बाद वापस किए जाते थे। इसके अलावा, वित्तीय रिकॉर्ड में हेरफेर कर नकद लेनदेन को छुपाया गया और फर्जी खर्चों के जरिए अवैध रूप से धन इकट्ठा किया गया।

टेंडर में भी हुआ घोटाला

ईडी को तस्मैक के ट्रांसपोर्ट टेंडर और बार लाइसेंस में भी धांधली के सबूत मिले हैं। जांच में सामने आया कि तस्मैक हर साल परिवहन कंपनियों को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करता है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई। एजेंसी ने आरोप लगाया कि अंतिम बोली में सिर्फ एक ही कंपनी थी, फिर भी उसे ठेका दे दिया गया।

इसी तरह, कई ऐसे लोगों को बार लाइसेंस दिए गए जो जीएसटी नंबर और पैन कार्ड तक नहीं रखते थे। यह दर्शाता है कि शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं थीं।

2016-2021 के बीच हुई अनियमितताएं

ईडी की जांच तस्मैक में 2016 से 2021 के बीच हुई अनियमितताओं पर केंद्रित है। इन वर्षों के दौरान, तस्मैक की दुकानों में एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने, डिस्टिलरी कंपनियों द्वारा तस्मैक अधिकारियों को रिश्वत देने और तस्मैक अधिकारियों द्वारा अपने कर्मचारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के लिए रिश्वत लेने के कई मामले सामने आए थे।

हालांकि ईडी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह घोटाला किस अवधि में हुआ, लेकिन उसने यह जरूर कहा कि तस्मैक से जुड़े कर्मचारियों, डिस्टिलरी कंपनियों, बोतल निर्माता कंपनियों और अन्य सहयोगियों की भूमिका की जांच की जा रही है। ईडी ने संकेत दिया है कि इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

भाजपा ने घोटाले पर सरकार को घेरा, DMDK का पलटवार

इस बीच, भाजपा ने डीएमके सरकार पर इस घोटाले को लेकर बड़ा हमला बोला है। भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार तीन-भाषा नीति जैसे मुद्दों को उछालकर लोगों का ध्यान ईडी की छापेमारी से हटाने की कोशिश कर रही है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (Twitter) पर लिखा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए जनता को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा विधायक वनथी श्रीनिवासन ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सरकार से 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले पर जवाब देने की मांग की है। उनका कहना है कि ईडी को इस मामले में हेरफेर किए गए टेंडर और बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं के सबूत मिले हैं।

हालांकि, तमिलनाडु के आबकारी मंत्री सैंथिल बालाजी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि तस्मैक टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी है और इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version