Homeमनोरंजनफिल्म निर्माता जफर सादिक ने 6 मीट्रिक टन स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी की,...

फिल्म निर्माता जफर सादिक ने 6 मीट्रिक टन स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी की, तीन देशों में भेजी खेप: एनसीबी का दावा

तमिल फिल्म निर्माता और निष्कासित डीएमके नेता जफर सादिक पर पिछले 11 सालों में भारत से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया को 6 मीट्रिक टन स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी करने का आरोप लगा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने हाल ही में इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि सादिक ने ड्रग्स तस्करी से सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाई है। स्यूडोएफेड्रिन का उपयोग मेथामफेटामाइन नामक एक अवैध और बेहद नशीली दवा बनाने में किया जाता है। इसलिए, इसका दुरुपयोग रोकने के लिए कई देशों ने इस पर प्रतिबंध लगाया है।

9 मार्च को, जफर सादिक को अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (ऑपरेशंस) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि “सादिक और उसके तीन साथी गिरफ्तार किए गए थे, जिन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में उन्होंने 45 बार स्यूडोएफेड्रिन की खेप भेजी थी। इन खेपों में करीब 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक थी।”

जफर सादिक पर 2013 से स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी का आरोप

एनसीबी ने बताया कि न्यूजीलैंड से मिली शुरुआती सूचनाओं के आधार पर स्यूडोएफेड्रिन की जब्ती का मामला सामने आया था। एनसीबी के अनुसार, सादिक 2013 से तीन देशों में इस रसायन की तस्करी करता आ रहा था। जांच के दौरान यह अनुमान लगाया गया कि उसने लगभग 6 मीट्रिक टन स्यूडोएफेड्रिन भारत से बाहर भेजा और इससे सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाई। इसके साथ ही, उसने तमिल सिनेमा में चार फिल्में भी बनाई हैं।

तस्करी का अंतरराष्ट्रीय जाल

एनसीबी ने अपनी जांच के दौरान डिजिटल सबूतों पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिसमें सादिक के वॉयस सैंपल की तुलना व्हाट्सएप वॉयस नोट्स से की गई। अधिकारी ने बताया कि फर्जी ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के आईपी लॉग्स, ईमेल्स, और बैंकों के सीसीटीवी फुटेज, जहां पैसा जमा किया गया था, जब्त किए गए

भारत में रासायनिक तस्करी का बढ़ता खतरा

एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एक केंद्रीय एजेंसी ने देश में प्रीकर्सर रसायनों के अवैध उत्पादन में बढ़ोतरी पर चिंता जताई है। भारत रसायन निर्माण का एक प्रमुख केंद्र है, लेकिन साथ ही हम समाज में सिंथेटिक ड्रग्स की भारी वृद्धि देख रहे हैं। प्रीकर्सर रसायन सिंथेटिक ड्रग्स के निर्माण में मुख्य घटक होते हैं।” इस तरह के बढ़ते खतरों के बीच, एनसीबी ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है और देश में रासायनिक तस्करी को रोकने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता जताई है।

ये भी पढ़ेंः हेमा पैनल रिपोर्ट सामने आने पर पहली गिरफ्तारी, अरेस्ट के बाद निर्देशक वीके. प्रकाश को मिली जमानत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version