Homeभारतपूर्वोत्तर राज्यों से 1000 भारतीय कामगारों की भर्ती करेगा ताइवान, विदेश मंत्रालय...

पूर्वोत्तर राज्यों से 1000 भारतीय कामगारों की भर्ती करेगा ताइवान, विदेश मंत्रालय करेगा पंजीकरण

ताइपेः ताइवान ने घरेलू उद्योगों में कुशल कामगारों की कमी के चलते बीते साल भारत से एक समझौता किया था। इसके तहत ताइवान इस साल गर्मी में 1000 भारतीय कामगारों की भर्ती करेगा। ताइवान में कुशल कामगारों की कमी का मुख्य कारण देश की आबादी की बढ़ती उम्र और जन्म दर कम होना है।

ताइवान भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से कामगारों की भर्ती करेगा। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों के के हवाले से ऐसा कहा गया है कि असम, नागालैंड और मिजोरम के साथ बातचीत अंतिम चरण में है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ महीनों में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कामगारों को चुनने की प्रक्रिया में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो अंग्रेजी अच्छी तरह से जानते हैं।

फरवरी 2024 में हुआ था समझौता

इन लोगों के प्रस्थान से पहले भारतीय अधिकारी ताइवान की कंपनियों के सहयोग से ओरिएंटेशन सत्र शुरू करेंगे। भारत और ताइवान के बीच यह समझौता फरवरी 2024 में हुआ था। इसके तहत ताइवान भारतीय कामगारों को कृषि, विनिर्माण आदि क्षेत्रों के लिए नियुक्ति करेगा।

भारत इन कामगारों को पहले प्रशिक्षित करेगा और फिर भर्ती होगी। वहीं ताइवान इस कार्यक्रम की अवधि और कामगारों की संख्या निर्धारित करेगा। कामगारों की स्किल के आधार पर ही उन्हें उद्योगों में भेजा जाएगा।

समझौते होने के बाद भारत और ताइवान के अधिकारियों के बीच नवंबर 2024 में रोडमैप तैयार करने के लिए ताइपे में बैठक हुई थी। कामगारों के वेतन और रोजगार की अवधि के लिए दोनों देशों के बीच अगली बैठक संभवतः फरवरी में होगी।

विदेश मंत्रालय करेगा पंजीकरण

ताइवान भेजे जाने वाले कामगारों का पंजीकरण विदेश मंत्रालय करेगा। इन लोगों को eMigrate पोर्टल के तहत पंजीकरण किया जाएगा जिससे उनके अधिकारों और हितों का ख्याल रखा जा सके।

ताइवान में अभी तकरीबन सात लाख से अधिक विदेशी कामगार हैं। इनमें से अधिकतर इंडोनेशिया, वियतनाम, फिलिपींस और थाइलैंड के हैं। भारत सरकार कौशल विकास मंत्रालय और राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक भर्ती पोर्टल डिजाइन करने पर विचार कर रहा है।

इसके बाद इसे एजेंसियों को सौंपा जाएगा। इससे पहले भी भारत खाड़ी देशों के साथ-साथ अन्य देशों के साथ भी प्रवासन और गतिशीलता समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version