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तहव्वुर राणा ने छोड़ दी थी पाकिस्तानी सेना, लेकिन फिर भी आईएसआई-लश्कर की बैठकों में पहनता था वर्दी

नई दिल्ली: मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से एनआईए उससे पूछताछ कर रही है। एनआईए की शुरुआती पूछताछ पता चला है कि राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिंचबुतुनी में हुआ। साथ ही इस दौरान ये भी सामने आया कि राणा को अपनी वर्दी और भारत विरोधी भावनाओं का जुनून है, इसलिए वह साजिद मीर, मेजर इकबाल और अन्य से मिलने के लिए पाकिस्तानी सेना की वर्दी या छद्म पोशाक पहनता है। वह सेना छोड़ने के बाद पाकिस्तानी सेना/पाक आईएसआई के साथ लश्कर के कैंप और हुजी इलाके में गया था।

तहव्वुर राणा ने की हेडली को वीजा दिलाने में मदद

तहव्वुर राणा ने हेडली को न केवल वीजा दिलाने में मदद की, बल्कि उसके मुस्लिम धर्म और पाकिस्तानी मूल को भी छुपाया और भारत में रहने के दौरान उसे व्यापारी और सैन्य समुदाय में घुलने-मिलने में मदद की। तहव्वुर राणा ने कराची से फ्लाइट पीके247 के टिकट बनवाए और हेडली को मुंबई के लिए सभी ऑपरेशन और लॉजिस्टिक्स जरूरतों के लिए संपर्क या कर्मचारी “बी” दिया। इस “बी” को उनके आतंकी कृत्य के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उसे केवल उसके इमिग्रेशन वर्ल्ड के बारे में पता था।

इसी कर्मचारी “बी” ने हेडली के लिए रिसेप्शन, कन्वेयंस, लॉजिंग, ऑफिस कम रेजीडेंस की व्यवस्था की। अब एनआईए तहव्वुर राणा से “बी” का सामना कराने की भी योजना बना रही है। “बी” की मदद से हेडली ने वोडाफोन का नंबर भी ले लिया है। तहव्वुर राणा ने हेडली की मोरक्को की पत्नी फैजा औताला के लिए भी एक पेपर बनवाया।

18 दिनों के लिए हिरासत में राणा 

आतंकी तहव्वुर राणा 18 दिनों की हिरासत में लिया गया है और उससे पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई, हमले में शामिल अन्य सहयोगियों और मुंबई के अलावा किन-किन शहरों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी, इन सारे मामलों में पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही राणा का आमना-सामना एक मिस्ट्री गवाह से भी करवाए जाने की बात कही जा रही है। इसी मिस्ट्री गवाह ने साल 2006 में डेविड कोलमैन हेडली का मुंबई में स्वागत किया था और उस समय तहव्वुर राणा का भी यह बेहद खास था। 

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