कम से कम 17 छात्राओं से यौन उत्पीड़न के आरोपी चैतन्यानंद को दिल्ली पुलिस ने आखिरकार शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। करीब 50 दिन से फरार चल रहे चैतन्यानंद उर्फ पार्थ सारथी को देर रात आगरा के ताजगंज इलाके में ‘होटेल फर्स्ट’ से गिरफ्तार किया गया। सारथी पर कुछ वित्तीय धोखाधड़ी के भी आरोप सामने आए हैं।
जांचकर्ताओं ने बताया कि दिल्ली में एक आश्रम से जुड़े रहे पार्थ सारथी ने अगस्त में अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अलग-अलग नामों से कई बैंक खाते खोले और 50 लाख रुपये से ज्यादा निकाले। पुलिस कथित धन गबन से जुड़े लेन-देन की जाँच कर रही है।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने धोखाधड़ी, जालसाजी और षडयंत्र के मामले में पार्थ सारथी की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने कहा कि धोखाधड़ी की पूरी कड़ी का पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है और साथ ही यह भी कहा कि आरोपी का पता नहीं चल पा रहा है।
अदालती दस्तावेजों में बताया गया है कि कैसे सारथी उर्फ चैतन्यानंद ने कथित तौर पर श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च और दक्षिण भारत के श्रृंगेरी स्थित एक धार्मिक संस्था के धन और संपत्तियों की हेराफेरी के लिए एक धोखाधड़ी वाला ट्रस्ट बनाया।
4 अगस्त को फरार हुआ था चैतन्यानंद
दिल्ली के पॉश माने जाने वाले इलाके वसंत कुंज क्षेत्र में स्थित निजी प्रबंधन संस्थान श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट से जुड़े रहे चैतन्यानंद पर अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने, महिलाओं को अश्लील मैसेज भेजने और जबरन शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने जैसी शिकायतें हैं। संस्थान को वायुसेना मुख्यालय की ओर शिकायत मिलने के तुरंत बाद, पार्थ सारथी 4 अगस्त को भाग गया था।
पुलिस का आरोप है कि 62 सारथी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों का शोषण किया, उनके मोबाइल फोन और शैक्षणिक प्रमाण पत्र जब्त कर लिए, जिससे वे शिकायत भी नहीं कर सके।
वायुसेना मुख्यालय कैसे हुआ मामले में सक्रिय?
एफआईआर के अनुसार निजी संस्थान के प्रबंधन को एक पूर्व छात्रा का पत्र मिला जिसमें चैतन्यानंद पर छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था। अगले ही दिन, संस्थान को वायु सेना के शिक्षा निदेशालय में ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी का ईमेल मिला। इस ईमेल में कई छात्राओं द्वारा चैतन्यानंद पर उन्हें धमकाने और आपत्तिजनक संदेश भेजने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। वायु सेना निदेशालय ने इस मामले में हस्तक्षेप किया क्योंकि संस्थान के कई छात्र वायु सेना कर्मियों के परिवारों से थे।
वर्तमान मामले में 17 महिलाओं ने अगस्त की शुरुआत में डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में संयुक्त रूप से शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें चैतन्यानंद पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में छात्रवृत्ति प्राप्त स्नातकोत्तर प्रबंधन डिप्लोमा छात्राओं को परेशान करने का आरोप लगाया गया था।
लालच देने, अश्लील मैसेज भेजने जैसे कई गंभीर आरोप
शिकायत करने वाली छात्राओं ने दावा किया है कि प्रबंधन संस्थान में कार्यरत कुछ वार्डन ने उन्हें चैतन्यानंद से मिलवाया था। वह छात्रों को अपने कमरे में बुलाता था और उन्हें मुफ्त विदेश यात्राओं का लालच देता था। पीड़िताओं के साथ उसकी अश्लील बातचीत का भी खुलासा हुआ है। उसकी ओर से लड़कियों का करियर बर्बाद करने, संस्थान से निष्कासित कराने या फेल कराने जैसी धमकियां दी जाती थी।
यही नहीं, खुद को स्वामी बताने वाले चैतन्यानंद ने महिला छात्रावास में गुप्त रूप से कैमरे लगाए थे। इस सप्ताह की शुरुआत में आरोप सामने आने के बाद आश्रम प्रशासन ने चैतन्यानंद को पद से निष्कासित कर दिया था। दिल्ली में आरोपी जिस आश्रम का नेतृत्व कर रहा था, वह दक्षिण भारत के एक प्रमुख आश्रम, श्रृंगेरी स्थित दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठ की एक शाखा है। धार्मिक संस्था ने चैतन्यानंद के कार्यों को ‘अनुचित’ बताया है।
अधिकारियों के अनुसार चैतन्यानंद पिछले दो दशकों से महिलाओं का शोषण कर रहा था। 2009 और 2016 में भी उसके खिलाफ छेड़खानी के मामले सामने आए थे लेकिन वह बच निकला था।