काठमांडूः नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की (Sushila Karki) को जेन-जी ने देश का अंतरिम नेता चुनने का फैसला किया है। देश की अतंरिम सरकार का चुनाव करने के लिए एक वर्चुअल बैठक में करीब 5,000 युवाओं ने हिस्सा लिया था। वहीं बालेंद्र शाह जिनकी चर्चा ज्यादा थी, उन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई। गौरतलब है कि देश में भ्रष्टाचार और रोजगार के मुद्दों को लेकर जेन-जी ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन तब और बढ़ गया जब सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
इन प्रदर्शनों के उग्र रूप के बाद मंगलवार (9 सितंबर) को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली समेत कई प्रमुख नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सोमवार (8 सितंबर) को प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जिसके बाद सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया था।
ऑनलाइन चर्चा के दौरान हुआ सुशीला कार्की का चयन
सुशीला कार्की का चयन ऑनलाइन चर्चा के दौरान किया किया गया। हालांकि, पहले काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह को प्रधानमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन प्रतिभागियों ने कहा उनसे कई बार इस मामले में संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
नेपाल की मीडिया ने जेन-जी प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधि के हवाले से लिखा “क्योंकि उन्होंने हमारी कॉल नहीं उठाईं, इसलिए अन्य नामों पर चर्चा की गई। सबसे ज्यादा समर्थन सुशीला कार्की को मिला है।”
कार्की को इससे पहले भी प्रस्ताव के लिए संपर्क किया गया था और उन्होंने कथित तौर पर समर्थन के लिए कम से कम 1000 लिखित हस्ताक्षर मांगे थे। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि सूत्रों के मुताबिक, अब उन्हें 2,500 से अधिक हस्ताक्षर मिल चुके हैं।
कार्की के अलावा अन्य नामों पर भी हुई चर्चा
कार्की को मीटिंग में नेता चुना गया है। इसके अलावा अंतरिम पद के लिए कई अन्य नामों पर भी चर्चा हुई। इनमें नेपाल इलेक्ट्रिसिटी प्राधिकरण की प्रमुख कुलमन घिसिंग समेत युवा नेता सागर ढाकल और धरान के मेयर हरका संपांग का नाम शामिल है।
इस पद के लिए एक यूट्यूबर रैंडम नेपाली को भी काफी समर्थन मिला। हालांकि, नेपाली ने कहा कि वह तभी आगे बढ़ेंगे जब कोई और इस पद के लिए आगे नहीं आएगा।
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हालांकि, अभी भी इसके लिए काफी समय है। यदि सुशील कार्की प्रस्ताव को स्वीकार करती हैं तो नेपाल के विशेषज्ञों के मुताबिक, उन्हें पहले नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल से मिलेंगी और इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से भी मंजूरी लेंगी।
प्रदर्शनकारियों की सोमवार (8 सितंबर) को सैन्य बलों से झड़प हुई। प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका था और संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री के आवास, पार्टी मुख्यालय और कई अन्य नेताओं के घरों में आग लगा दी। विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा के घर के साथ-साथ उन पर भी हमला किया गया।
नेपाल की अंतरिम नेता चुनी गईं सुशीला कार्की कौन हैं?
72 वर्षीय सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला हैं जिन्होंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दीं। साल 2016 में पीएम के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार में संवैधानिक परिषद की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया था।
न्यायपालिका में सेवाओं से पहले उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। 2006 में वह संवैधानिक मसौदा समिति का हिस्सा थीं। साल 2009 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का तदर्थ न्यायाधीश चुना गया। उन्हें अगले वर्ष यानी 2007 में स्थायी रूप से नियुक्त किया गया।