Friday, October 10, 2025
Homeभारतसैन्य प्रशिक्षण के दौरान विकलांगता से पीड़ित कैडेटों की दुर्दशा पर सुप्रीम...

सैन्य प्रशिक्षण के दौरान विकलांगता से पीड़ित कैडेटों की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

नई दिल्लीः सु्प्रीम कोर्ट ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान विकलांगता के कारण सैन्य संस्थानों से चिकित्सा अवकाश पाने वाले कैडेटों की कठिनाइयों का स्वतः संज्ञान लिया है। 

जस्टिस बीवी नागरत्ना और आर महादेवन इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त (सोमवार) को करेंगे। यह मामला 12 अगस्त को एक मीडिया रिपोर्ट में इन कैडेटों के उठाए गए मुद्दों के बाद दर्ज किया गया था। इसमें वे लोग शामिल हैं जिन्होंने कभी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) जैसे देश के शीर्ष सैन्य संस्थानों से प्रशिक्षण ले चुके थे। 

क्या कहती है मीडिया रिपोर्ट?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1985 से अब तक ऐसे करीब 500 अधिकारी कैडेट हैं जिन्हें प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न प्रकार की विकलांगता के कारण चिकित्सा आधारों पर इन सैन्य संस्थानों से छुट्टी दे दी गई थी। ऐसे लोगों को बढ़ते चिकित्सा बिलों का सामना करना पड़ रहा है। तथा उन्हें मासिक अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा रहा है, जो उनकी आवश्यकताओं से बहुत कम है। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 5 सालों (2021-25) के दौरान सिर्फ एनडीए से करीब 20 ऐसे कैडेट हैं जिन्हें चिकित्सकीय सेवा से छुट्टी दे दी गई। 

इस मीडिया रिपोर्ट में आगे इन कैडेट्स की दुर्दशा के बारे में बताया गया है, क्योंकि नियमानुसार वे पूर्व सैनिक (ईएसएम) का दर्जा पाने के हकदार नहीं हैं, जिससे वे पूर्व सैनिक अंशदान स्वास्थ्य सेवा से वंचित रह जाते हैं। क्योंकि उनकी विकलांगता उनके अधिकारी कमीशन होने के पहले हुई थी। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि जो सैनिक ईएसएम श्रेणी के हकदार हैं, उन्हें विकलांगता के आधार पर प्रतिमाह 40 हजार रुपये प्रति माह तक का अनुग्रह मिलता है- यह राशि बुनियादी जरूरतों से बहुत कम हैं। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा