नई दिल्लीः कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षाओं में सुधारों की मांग लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में शिक्षक और छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन 24 और 25 अगस्त को होगा। छात्रों और शिक्षकों की प्रमुख मांगे एग्जाम में पारदर्शिता, हाल ही में परीक्षा कराने के लिए नए वेंडर का चयन किया गया है, उसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
रामलीला मैदान में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलग-अलग जिलों के तैयारी करने वाले छात्र आए हैं। इसके साथ ही उनका साथ देने के लिए शिक्षक भी आए। आज के प्रदर्शन में अभिनय, राकेश यादव, आदित्य रंजन और अन्य शिक्षक मौजूद रहे जिन्होंने इसे छात्रों का आंदोलन बताया और सुधारों की मांग की। ऐसे में जानेंगे कि छात्रों शिक्षकों की प्रमुख मांगे क्या हैं?
SSC में सुधार को लेकर क्या हैं छात्रों की प्रमुख मांगे?
SSC ने हाल ही में स्टेनोग्राफर का पेपर कराया है जिसमें छात्रों ने कुछ खामियों के आरोप लगाए हैं, जैसे – पेपर में सवाल किसी विषय का पूछा गया और उसके लिए विकल्प किसी और विषय के दिए गए हैं। इसके अलावा छात्रों ने यह भी बताया कि स्टेनोग्राफर के पेपर में सिलेबस से इतर भी सवाल पूछे गए।
छात्रों की प्रमुख मांगों में एसएससी का पेपर कंडक्ट कराने वाली कंपनी एडुक्विटी को हटाने को लेकर मुख्य विरोध है। छात्रों ने इसे लेकर हाल ही में एसएससी सेलेक्शन पोस्ट 13 की भर्ती का उदाहरण दिया जिसमें बड़े पैमाने पर छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इसको लेकर 31 जुलाई को दिल्ली में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था और कई शिक्षकों को हिरासत में भी लिया गया था।
SSC की तैयारी करने वाले एक छात्र आकाश सिंह ने बताया कि अगस्त में हुए स्टेनोग्राफर भर्ती में आए सवालों को लेकर सवाल उठाए कि गणित के एक सवाल में रीजनिंग के विकल्प दिए गए थे। छात्र ने बताया कि पहले भी एसएससी एग्जाम में पहले भी सेंटर और सर्वर को लेकर शिकायतें थीं, फेयग एग्जाम कराने को लेकर भी शिकायतें थी जिसको लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। लेकिन इसके बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि अगले महीने एसएससी सीजीएल का एग्जाम होना है तो हम कैसे यकीन कर लें कि यह एग्जाम सही तरीके से होगा।
वहीं, एक अन्य छात्र प्रियेश ने बताया कि छात्रों की मुख्य मांगों में एक एग्जाम कंडक्ट कराने वाली कंपनी एडुक्विटी को हटाना है क्योंकि जब ये एसएससी सेलेक्शन पोस्ट और एसएससी स्टेनोग्राफर की पोस्ट पर एग्जाम सही से नहीं कर पा रही हैं जिनमें सीजीएल जैसे एग्जाम की तुलना में काफी कम छात्र होते हैं। प्रियेश ने बताया कि जब इन परीक्षाओं के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में कंपनी विफल रही है तो एसएससी सीजीएल जैसे एग्जाम जिसमें करीब 25-30 लाख छात्र होंगे, उसे कैसे बेहतर ढंग से करा पाएंगे।
इसी तरह की बात अन्य छात्र भी करते हैं जिसमें फेयर एग्जाम का मुद्दा है। छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा में सही से जांच भी नहीं हो रही और छात्र मोबाइल फोन लेकर अंदर जा रहे हैं।
पिछले महीने भी हुआ था प्रदर्शन
ऐसे ही आरोप शिक्षक आदित्य रंजन भी लगाते हैं। इसी को लेकर बीते महीने 31 जुलाई और 1 अगस्त को भी प्रदर्शन हुआ था जिसमें शिक्षक शामिल थे। शिक्षकों को हिरासत में लिए जाने के बाद अगले दिन बड़ी संख्या में छात्र भी जुटे थे। इसके बाद शिक्षकों की मुलाकात कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह से भी हुई थी जिसमें उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया गया था।
शिक्षकों और छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि एग्जाम कंडक्ट कराने वाली कंपनी एडुक्विटी पहले भी विवादों से घिरी रही है। छात्र कंपनी के चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठा रहे हैं क्योंकि परीक्षा में इसी तरह की अनियमितताओं को लेकर उच्च न्यायालय की तरफ से फटकार भी लगाई जा चुकी है।
एसएससी की खामियों को लेकर छात्र लगातार किसी सवाल उठाते रहे हैं। इसी साल सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट में भी छात्रों ने बड़े पैमाने पर आपत्ति जताई थी और इसको लेकर एक्स सुधारों की मांग को लेकर कई हैशटैगट्रेंड्स भी चलाए थे।