Friday, October 10, 2025
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उत्तर कोरिया बना रहा 4000 टन वजनी युद्धपोत, जहाज से सतह पर मिसाइल दागने में सक्षम: दक्षिण कोरिया सेना

सोल: उत्तर कोरिया ने एक चार हजार टन वजनी फ्रिगेट का निर्माण शुरू किया है। यह वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम से लैस है। दक्षिण कोरिया की सेना के अनुसार, प्योंगयांग अपने परमाणु और मिसाइल हथियारों को आगे बढ़ाना चाहता है।

समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम जोंग-उन की एक शिपयार्ड का दौरा करने के दौरान की तस्वीरें शेयर की थीं, जहां नए युद्धपोत का निर्माण किया जा रहा है। इसके एक दिन बाद यह आकलन सामने आया है।

उत्तर कोरिया को पोत बनाने में लग सकते हैं 10 साल- दक्षिण कोरिया अधिकारी

उत्तर कोरिया के पश्चिमी बंदरगाह शहर का जिक्र करते हुए एक सैन्य अधिकारी ने कहा, “उत्तर कोरिया नैम्फो में चार हजार टन का फ्रिगेट बना रहा है। जहाज के आकार से, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह (जहाज से जमीन पर मार करने वाली) मिसाइल ले जाने में सक्षम है।”

हालांकि, अधिकारी ने कहा कि उत्तर कोरिया को इस पोत का निर्माण पूरा करने में कई साल लग सकते हैं। पोत को परिचालन के लिए तैनात करने में 10 साल से ज्यादा का समय लग सकता है।

उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे बड़ा जहाज 1,500 टन का फ्रिगेट है, जो जहाज से जहाज पर मार करने वाली मिसाइल से लैस है। इसमें वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम नहीं है। वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम (वीएलएस) पनडुब्बियों और जहाजों पर मिसाइलों को रखने और दागने की उन्नत प्रणाली है।

उत्तर कोरिया का नया युद्धपोत रूसी युद्धपोत के बजाय चीनी युद्धपोत जैसा दिखता है

पीपुल्स पावर पार्टी के प्रतिनिधि यू योंग-वियन ने कहा कि यह युद्धपोत पांच हजार टन वजनी युद्धपोत है, जो रूसी युद्धपोत के बजाय चीनी युद्धपोत जैसा दिखता है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने सितंबर में किम के निरीक्षण के दौरान ली गई तस्वीर में इस युद्धपोत के निचले हिस्से का पहली बार अनावरण किया था।

शिपयार्ड के दौरे के दौरान किम ने कहा कि नौसेना बल को मजबूत करना देश की समुद्री संप्रभुता की दृढ़ता से रक्षा करने और वर्तमान में युद्ध की तैयारियों को बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मामला है।

यू योंग-वियन ने कहा कि इस फ्रिगेट को अभी युद्धक प्रणाली से सुसज्जित किया जाना बाकी है, लेकिन उन्होंने चिंता जताई कि जहाज से सतह पर मिसाइल दागने की इसकी क्षमताओं के कारण यह एक नए खतरे के रूप में उभर सकता है।

(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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