Friday, October 10, 2025
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दक्षिण कोरियाः पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार, आवास और दफ्तर की ली गई तलाशी

सोलः दक्षिण कोरिया के पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून को देशद्रोह के आरोप में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब राष्ट्रपति यून सूक योल द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा के बाद किम के खिलाफ देशद्रोह की जांच चल रही थी।

विशेष जांच मुख्यालय ने पुष्टि की कि किम को गिरफ्तार किया गया है और उनका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, किम को पूर्वी सोल के एक हिरासत केंद्र में भेजा गया है। किम ने गिरफ्तारी से पहले जांच में पूरी तरह से सहयोग करने का वादा किया था।

खबरों के मुताबिक किम को रविवार तड़के 1:30 बजे सियोल जिला अभियोजन कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश किया गया। अभियोजन टीम किम से जांच कर रही है और उन्होंने किम की आधिकारिक निवास और कार्यालय की भी तलाशी ली है।

किम योंग-ह्यून पर क्या हैं आरोप?

किम पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रपति यून सुक येओल को मार्शल लॉ लागू करने का सुझाव दिया था, जिसके बाद राष्ट्रपति ने यह कदम उठाया था। हालांकि, छह घंटे बाद नेशनल असेंबली ने इसे समाप्त करने के लिए मतदान किया और राष्ट्रपति ने आदेश पलट दिया। इसके बाद किम ने इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।

अभी यह आशंका जताई जा रही है कि किम ने साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की, क्योंकि वह पहले अपना टेलीग्राम अकाउंट डिलीट कर चुके थे और फिर से शामिल हो गए थे। अभियोजन पक्ष पुराने डेटा को पुनः प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है।

दक्षिण कोरिया के कानून के अनुसार, यदि यह माना जाए कि गंभीर अपराध किया गया है या साक्ष्य नष्ट करने की संभावना हो, तो संदिग्धों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है। वर्तमान में विशेष जांच मुख्यालय किम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने पर विचार कर रहा है। किम ने रविवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने मार्शल लॉ के फैसले में मदद की थी, लेकिन जोर दिया कि यह कानूनी प्रक्रियाओं के तहत लागू किया गया था।

तीन सैन्य अधिकारी निलंबित

इस बीच, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने तीन सैन्य अधिकारियों को उनके पदों से निलंबित कर दिया है। अभियोजक जांच कर रहे हैं कि इन अधिकारियों का मार्शल लॉ के ऐलान में क्या योगदान था। एक प्रमुख जनरल ने आरोप लगाया कि किम ने उन्हें नेशनल असेंबली में विशेष बल भेजने का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने इसे लागू नहीं किया।

वहीं, दक्षिण कोरिया के आंतरिक मंत्री ली सांग-मिन ने भी रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ली ने जोओंगआंग इल्बो समाचार पत्र से कहा कि वह “जनता और राष्ट्रपति की सेवा में नाकाम रहने की गंभीर जिम्मेदारी” के कारण इस्तीफा दे रहे हैं।

पिछले कुछ वर्षों में, राष्ट्रपति यून का विरोध निरंतर बढ़ रहा है, खासकर विपक्ष द्वारा यह मांग करने के बाद कि उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त किया जाए। हालांकि, यून ने इस मांग को नकारते हुए अपने फैसले पर अडिग रहे।

राष्ट्रपति यून ने मंगलवार को मार्शल लॉ लागू करने का निर्णय लिया था, जिसमें उन्होंने इसे “उत्तर कोरिया समर्थक और राष्ट्र-विरोधी ताकतों से” नेशनल असेंबली को मुक्त करने के लिए जरूरी बताया। हालांकि, शनिवार को उन्होंने इस फैसले पर खेद जताया।  शनिवार राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग की कोशिश असफल रही क्योंकि उनकी पार्टी के अधिकांश सांसदों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था।

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