लेहः केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित एक संस्थान के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संविधान की छठी अनुसूची में डाले जाने की मांग के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सोनम वांगचुक कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच के दायरे में आ गए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स में इस मामले से परिचित सूत्रों के हवाले से लिखा कि सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स (HIAL), स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) और उनके निजी उद्यम शेश्योन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड (SIPL) के संबंध में कथित रूप से वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं।
लद्दाख में हो रहा प्रदर्शन हुआ हिंसक
जांच के दौरान पाए गए निष्कर्ष वित्तीय और विनियामक मानदंडों के संभावित उल्लंघन की ओर इशारा करते हैं। विशेष रूप से विदेशी योगदान और धन हस्तांतरण से संबंधित।
लेह में हो रहे प्रदर्शन 24 सितंबर, बुधवार को हिंसक हो गए और इसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पुलिस ने “आत्मरक्षा” में गोली चलाई और हिंसा के सोनम वांगचुक के “भड़काऊ भाषणों” को जिम्मेदार ठहराया। वांगचुक ने 10 सितंबर से भूख-हड़ताल का नेतृत्व किया था। झड़पों के बाद सोनम वांगचुक ने हड़ताल वापस से ली।
HIAL को मिले दान में वृद्धि
सूत्रों के मुताबिक, एचआईएएल को प्राप्त अंशदान कर निर्धारण वर्ष (एवाई) 2023-24 में 6 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 15 करोड़ से अधिक हो गया। संस्थान के सात बैंक खातों में से चार कथित तौर पर अघोषित हैं।
इसमें ऐसा भी कहा गया है कि संस्थान को बिना वैध एफसीआरए पंजीकरण के 1.5 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी धन प्राप्त हुआ है। ऐसे में इससे विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत चिंताएं पैदा हुई हैं। इसके अलावा HIAL से SIPL को लगभग 6.5 करोड़ रुपये का धन हस्तांतरित किया गया है।
SECMOL भी सवालों के घेरे में
साल 1988 में लद्दाख की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से युवा लद्दाखियों द्वारा स्थापित SECMOL के पास भी नौ बैंक खाते होने का आरोप है। इनमें से छह के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
स्थानीय निधियों को कथित तौर पर साल 2020-21 और 2022-23 के बीच SECMOL के एफसीआरए खाते में जमा किया गया था, जो कि एफसीआरए की धारा – 17 का उल्लंघन होगा।
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SIPL के निदेशक सोनम वांगचुक और उनकी पत्नी हैं। उन्होंने साल 2024-25 में शुद्ध लाभ मार्जिन में भारी गिरावट दर्ज की है। इस साल 9.85 करोड़ के कारोबार पर 1.14 प्रतिशत जबकि 2023-24 में यह 6.13 प्रतिशत था। कंपनी पर आरोप है कि इसने तीन खाते बनाए थे, जिसमें से दो की जानकारी नहीं दी थी।
इन सबके अलावा सोनम वांगचुक के नौ बैंक खातों की बात की जा रही है। इनमें से आठ अघोषित हैं। 2018 से 2024 के बीच इन खातों में कथित तौर पर 1.68 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई।