Thursday, October 9, 2025
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सोनम वांगचुक को लेह पुलिस ने किया गिरफ्तार, लद्दाख में हुई हिंसा के बाद सरकार का एक्शन

लद्दाख में बुधवार को पिछले कई दशकों की सबसे भीषण हिंसा देखी गई, जब राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन हिंस झड़प में बदल गया। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे।

लेह: लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार को कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ ये एक्शन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हुई है। एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के कथित उल्लंघनों के चलते उनके एनजीओ का लाइसेंस भी रद्द कर दिया था। यह कार्रवाई बुधवार को लद्दाख में हुई हिंसा और आगजनी की घटना के बाद की गई है। गृह मंत्रालय ने इन घटनाओं को लेकर कहा था कि ऐसा वांगचुक द्वारा दिए गए ‘भड़काऊ’ भाषणों की वजह से हुआ।

गृह मंत्रालय के अनुसार वांगचुक ने अपने भाषण में अरब स्प्रिंग-शैली के विरोध प्रदर्शनों और नेपाल में जेन-जी के उग्र प्रदर्शन का जिक्र किया था। दूसरी ओर, वांगचुक ने आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें सलाखों के पीछे डालने के लिए मामला बना रही है। साल 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीतने वाले वांगचुक ने दो दिन पहले हुई हिंसा के बाद केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है। हिंसा में चार लोग मारे गए थे और सुरक्षाकर्मियों सहित 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

सोनम वांगचुक पर विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले क्या है?

विदेशी फंडिंग हासिल करने के कानूनों में कथित उल्लंघनों में स्थानीय स्तर पर बने पैसे को SECMOL के FCRA खाते में जमा करना, गैर-अनुमति योग्य गतिविधियों के लिए धन का डायवर्जन, प्राप्त विदेशी धन को FCRA खाते में जमा करने में विफल होना जैसे आरोप शामिल है। सूत्रों ने दावा किया कि सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) को भी FCRA पंजीकरण के बिना 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी सहायता प्राप्त हुई थी। इसके अलावा कथित तौर पर 6.5 करोड़ रुपये की राशि वांगचुक की निजी फर्म ‘शेषयोन इनोवेशन’ में डायवर्ट की गई थी। सूत्रों के अनुसार वांगचुक ने 2021-24 के दौरान अपने निजी खाते से 2.3 करोड़ रुपये विदेश भेजे थे और 2018 से 2024 तक विभिन्न खातों में 1.68 करोड़ रुपये विदेशी धन प्राप्त किए।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उनके (सोनम वांगचुक) नौ निजी बैंक खाते हैं जिनमें से आठ घोषित नहीं हैं। एक अधिकारी ने बताया कि HIAL के सात खाते हैं, जिनमें से चार अघोषित हैं। इसके अलावा SECMOL के नौ खाते हैं, जिनमें से छह अघोषित हैं। शेषयोन के तीन खाते हैं, जिनमें से दो अघोषित हैं। अधिकारी ने बताया कि वांगचुक को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों सहित कई कॉर्पोरेट से भारी मात्रा में सीएसआर फंड मिल रहा है, जबकि वह उनकी आलोचना करते हैं। गृह मंत्रालय के कहने पर सीबीआई अब कथित उल्लंघनों की जाँच कर रही है, जबकि आयकर अधिकारी अन्य वित्तीय अनियमितताओं की जाँच कर रहे हैं।

सोनम वांगचुक का लद्दाख में हुई हिंसा से क्या कनेक्शन?

लद्दाख में बुधवार को पिछले कई दशकों की सबसे भीषण हिंसा देखी गई, जब राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन हिंस झड़प में बदल गया। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। कई वाहनों को आग लगा दी गई और सुरक्षा बलों को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और गोलियां चलानी पड़ी। इसके बाद लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया था।

गृह मंत्रालय ने हिंसा के बाद देर शाम अपने बयान में कहा कि भीड़ द्वारा की गई हिंसा सोनम वांगचुक के ‘भड़काऊ बयानों’ से प्रेरित थी।

राज्य के दर्जे की मांग, संवैधानिक गारंटी के लिए 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक ने लद्दाख में हिंसा भड़कने के बाद अपना अनशन वापस ले लिया। इससे पहले मंगलवार शाम को वांगचुक के साथ भूख हड़ताल कर रहे दो लोगों त्सेरिंग अंगचुक (72) और ताशी डोलमा (60) को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इसके बाद अगले दिन हिंसा भड़क गई और कई युवा सड़कों पर उतर आए। हिंसा के बीच भाजपा का स्थानीय कार्यालय भी जलाया गया। सोनम वांगचुक ने बाद में कहा कि दो साथियों का अस्पताल में भर्ती होना हिंसा के शुरू होने का मुख्य कारण बना। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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