Thursday, October 9, 2025
Homeभारतभारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक विवाद क्या है जिसको लेकर...

भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक विवाद क्या है जिसको लेकर राजनाथ सिंह ने दी चेतावनी? विस्तार से जानें

नई दिल्लीः भारतीय रक्षा राजनाथ सिंह ने सर क्रीक विवाद को लेकर गुरुवार, 2 अक्टूबर को पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का तनाव हुआ तो ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि “इतिहास और भूगोल” बदल सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत ने इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने के कई प्रयास किए लेकिन पाकिस्तान के इरादे ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नीयत इसको लेकर सही नहीं है। ऐसे में जानेंगे कि आखिर सर क्रीक विवाद है क्या जिसको लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराना विवाद जारी है।

सर क्रीक विवाद क्या है?

सर क्रीक गुजरात के कच्छ के रण और पाकिस्तान के बीच में 96 किमी लंबी एक दलदली पट्टी है। इसका नाम एक ब्रिटिश प्रतिनिधि के नाम पर रखा गया और अरब सागर तक इसका फैलाव है। यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत को गुजरात के कच्छ क्षेत्र से अलग करता है।

उपमहाद्वीप में यह सबसे बड़ा मछली पकड़ने वाला द्वीप है। ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में तेल और गैस के अप्रयुक्त संसाधन मौजूद हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में नौवहन करना मुश्किल है क्योंकि यहां गर्मियों में दिन बहुत गर्म और सर्दियों में रातें बेहद ठंडी होती हैं।

यह क्षेत्र विवादित इसलिए है क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों ही समुद्री सीमा रेखाओं की अलग-अलग व्याख्या करते हैं। यह विवाद साल 1914 के बॉम्बे सरकार के प्रस्ताव से जुड़ा है। इसमें सिंध और कच्छ संभागों के बीच सीमा निर्धारण करने का प्रयास किया गया था।

इस समझौते के पैराग्राफ 9 में उल्लेख है कि सीमा “खाड़ी के पूर्व में” स्थित है जो दर्शाता है कि खाड़ी सिंध का हिस्सा थी। हालांकि, अब यह पाकिस्तान में है। 1947 में विभाजन के बाद सिंध और कच्छ पाकिस्तान और भारत का हिस्सा बन गए। इसका अर्थ यह है कि इस विवाद को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून जिसे थलवेग सिद्धांत के रूप में जाना जाता है। इसके तहत सुलझाया जाना चाहिए।

थलवेग सिद्धांत क्या है?

दरअसल, थलवेग सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय कानून की अवधारणा है जिसके मुताबिक, यदि कोई जलमार्ग दो देशों के बीच से होकर गुजरता है तो इसकी सीमा उस जलमार्ग के सबसे गहरे नौगम्य चैनल के केंद्र से होकर गुजरनी चाहिए।

गौरतलब है कि पाकिस्तान इसको लेकर दावा करता है कि सर क्रीक नौगम्य (जहाज चलाने योग्य) नहीं है इसलिए यहां थलवेग सिद्धांत लागू नहीं हो सकता। वहीं, इस पर भारत का यह तर्क है कि यह क्षेत्र उच्च ज्वार के दौरान भी नौगम्य रहता है और सीमा का निर्धारण अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के आधार पर करना चाहिए।

दरअसल पाकिस्तान इन दिनों इस क्षेत्र में बुनियादी सैन्य ढांचे का विस्तार कर रहा है जिसको लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2 अक्टूबर को एक समारोह में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी।

इस दौरान उन्होंने कहा “भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल संयुक्त रूप से और सतर्कता पूर्वक भारत की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। अगर सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से कोई दुस्साहस करने की कोशिश की गई तो उसे ऐसा निर्णायक जवाब मिलेगा जो इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा। “

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा