Friday, October 10, 2025
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सिंगापुर में धर्मगुरु को साढ़े दस साल की जेल, जानें आरोप

सिंगापुर में एक धर्मगुरु वू मे हो को साढ़े दस साल जेल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने उन्हें धोखाधड़ी और उनके अनुयायियों को नुकसान पहुंचाने समेत पांच आरोपों में दोषी पाया है।  54 साल की वू मे हो पर अपने अनुयायियों का ब्रेनवॉश करने और उन्हें यह विश्वास दिलाने का आरोप था कि वह एक देवी हैं।

जब अनुयायी उसके आदेश नहीं मानते थे, तो वू मे हो उन्हें बेरहमी से सजा देती थी। वह उन्हें उनका मल खाने और सरौता से दांत निकालने के लिए मजबूर करती थी। उसने अनुयायियों पर कैंची से हमला किया और यहां तक कि उन्हें इमारत की दूसरी मंजिल से कूदने का भी निर्देश दिया।

धर्मगुरु ने खुद को भारतीय धार्मिक गुरु श्री शक्ति नारायणी अम्मा की भक्त बताती है

सिंगापुर के न्यूज चैनल CNA के अनुसार, वू मे हो ने खुद को भारतीय धार्मिक गुरु श्री शक्ति नारायणी अम्मा की भक्त बताई। श्री शक्ति नारायणी अम्मा के अनुयायी उन्हें देवी नारायणी का पहला ज्ञात अवतार मानते हैं। वू मे हो 2012 से सिंगापुर में 30 अनुयायियों के समूह के साथ एक आश्रम चला रही थी। लोगों को अपने ऊपर भरोसा दिलाने के लिए वह हमेशा साड़ी और मेकअप पहनकर देवी की तरह सजती थी।

 वू मे हो 2012 से सीधे तौर पर श्री शक्ति नारायणी अम्मा से जुड़ी हुई थीं। इस दौरान उसने खुद को एक देवी बताना शुरू कर दिया और आत्माओं से बात करने का दावा किया। फिर उसने अपने अनुयायियों को उसे देवी कहने का निर्देश दिया।

भारत में सेवा के नाम पर लोगों से धन मांगने का आरोप

अदालत में वू मे हो के अनुयायियों ने गवाही दी कि उन्होंने उससे अपनी बीमारियों को ठीक करने और अपना जीवन बेहतर बनाने में मदद मांगी थी। इस दौरान वू मेई हो ने लोगों से पैसे मांगे, यह दावा करते हुए कि उन्हें “बुरा कर्म” दूर करने के लिए भारत को धन भेजने की जरूरत है। इस तरह वू मे हो ने अपने अनुयायियों के साथ 43 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।

धर्मगुरु दान के बारे में क्या दावा करती है?

वू मे हो ने दावा किया कि भारत में गायों की देखभाल, मंदिर और स्कूल बनाने में पैसा खर्च किया गया था। दस अनुयायियों ने उस पर उन्हें जरूरी सामान खरीदने, खाना बनाने, घर साफ करने और उसकी यात्रा के लिए परिवहन की व्यवस्था करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया।

ये भी पढ़ेंः कौन हैं मालदीव की मंत्री फातिमा शमनाज जिन्हें राष्ट्रपति मुइज्जू पर ‘काला जादू’ करने के आरोप में निलंबित किया गया?

धर्मगुरु के खिलाफ पहला मामला 2020 में दर्ज किया गया

वू के खिलाफ उसके अनुयायियों द्वारा पहला हमला का मामला 2020 में दर्ज किया गया था, जिसके चलते अक्टूबर 2020 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। एक अज्ञात अनुयायी ने बताया कि उसने 2019 में वू के साथ काम किया था। एक त्योहार के दौरान, वू ने उस पर पांच डिब्बों से हमला कर दिया, जिससे सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, जिसमें एक आंख को भी नुकसान पहुंचा।

जब अनुयायी ने वू को अपने दर्द के बारे में बताया, तो उसे “पवित्र जल” पीने और आंखों में डालने के लिए कहा गया। और दर्द से बचने के लिए, वू ने उसे तेज धूप देखने का निर्देश दिया, जिससे उसकी दृष्टि और खराब हो गई।

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