Thursday, October 9, 2025
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‘आरक्षण दोगुना करना होगा’, कुरुबा समुदाय को एसटी में शामिल करने को लेकर बोले सिद्धारमैया

सिद्धारमैया ने कहा कि कुरुबा समुदाय को एसटी में शामिल करने की सिफारिश उन्होंने नहीं, बल्कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने की थी। उस समय बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने केंद्र को यह प्रस्ताव भेजा था, जो अब केंद्र सरकार के पास स्पष्टीकरण के लिए लंबित है।

बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को वाल्मीकि जयंती के मौके पर कुरुबा समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने को लेकर बड़ा बयान दिया। एक समारोह में उन्होंने कहा कि अगर कुरुबा समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करना है, तो राज्य में एसटी आरक्षण को मौजूदा 7% से कम से कम दोगुना करना होगा। उन्होंने कहा कि इसे 14 प्रतिशत या 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है और ऐसा कदम कोई विरोध नहीं करेगा।

सिद्धारमैया ने कहा कि कुरुबा समुदाय को एसटी में शामिल करने की सिफारिश उन्होंने नहीं, बल्कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने की थी। उस समय बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने केंद्र को यह प्रस्ताव भेजा था, जो अब केंद्र सरकार के पास स्पष्टीकरण के लिए लंबित है।

भाजपा ने की थी कुरुबा समुदाय को एसटी में शामिल करने की सिफारिश

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने कुरुबा समुदाय को एसटी में शामिल करने की सिफारिश नहीं की थी। यह भाजपा सरकार का निर्णय था। अगर कुरुबा समुदाय को एसटी सूची में जोड़ा जाना है, तो वाल्मीकि और कुरुबा समुदाय की जनसंख्या को देखते हुए आरक्षण बढ़ाना होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उस समय यह सिफारिश पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा की मांग पर की गई थी।

सिद्धारमैया ने कहा कि कई राज्यों में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या अधिक होने के कारण वहां आरक्षण को आनुपातिक रूप से बढ़ाया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी समुदाय को एसटी में शामिल करने का निर्णय केवल केंद्र सरकार ले सकती है, राज्य सरकार नहीं।

वाल्मीकि समुदाय की चिंताओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा, “हम किसी का हक छीनने नहीं जा रहे। हमारा उद्देश्य केवल सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है।” वाल्मीकि समुदाय ने कुरुबा समुदाय को एसटी में शामिल किए जाने का विरोध किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे मौजूदा एसटी समुदायों की प्रगति पर असर पड़ेगा।

व्लामीकि समुदाय से आने वाले नेता वीएस उग्रप्पा ने क्या कहा?

कार्यक्रम में कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद वीएस उग्रप्पा, जो वाल्मीकि समुदाय से हैं, ने कहा कि कुरुबा समुदाय को एसटी सूची में तभी जोड़ा जाना चाहिए जब आरक्षण को उनके जनसंख्या अनुपात के अनुसार बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा, “हम साथ बैठकर खाना खाने को तैयार हैं, लेकिन थाली में हाथ नहीं डालने देंगे। अपनी थाली लेकर आइए, साथ बैठकर खा लेंगे।”

उग्रप्पा ने याद दिलाया कि 1980 के दशक में रामकृष्ण हेगड़े के कार्यकाल में कुरुबा और नायक समुदाय ने मिलकर आरक्षण के लिए संघर्ष किया था। तब दोनों समुदायों की सिफारिश की गई थी, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली। 1991 में चंद्रशेखर सरकार के दौरान नायक समुदाय को एसटी सूची में शामिल किया गया था, जिसमें एच.डी. देवगौड़ा की अहम भूमिका थी।

सिद्धारमैया ने कहा कि आने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में एसटी नायक समुदाय के नेताओं को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। समारोह में मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार 2025 भी प्रदान किए। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मीडिया के लिए नगराजु गणदा हुनसे (बेंगलुरु), नाटक के लिए पी. थिप्पेस्वामी (बेंगलुरु), संगठन श्रेणी में जेके मुथम्मा (मैसूरु), सामाजिक सेवा के लिए मुलसिद्धा लक्ष्मण नायकोडी (बेलगावी) और कलाबुरगी से के. उच्छंगप्पा शामिल हैं।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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