नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में आयोजित नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस समय सभी चौंक गए जब रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन मीडिया को हिंदी में संबोधित करने लगे। बाबुश्किन ने शुरुआत करते हुए भगवान गणपति का नाम लेते हुए कहा, ‘शुरुआत करेंगे…श्री गणेश करेंगे।’ अपने चेहरे पर मुस्कान लिए बाबुश्किन ने आगे कहा, ‘वी वूड लाइक टू एवरीवन, सबका हार्दिक स्वागत।’
अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी राजनयिक ने कहा, ‘शुरुआत करेंगे, मतलब श्री गणेश करेंगे। गणेश चतुर्थी है….साथियों, देवियों, सज्जनों…।’ इसके बाद आगे अंग्रेजी में बोलते हुए उन्होंने अमेरिका के टैरिफ दबाव के बीच नई दिल्ली और मॉस्को के बीच संबंधों से जुड़े घटनाक्रमों पर चर्चा की। इसी दौरान उनसे भारत के आयरन डोम जैसी सुरक्षा प्रणाली की महत्वकांक्षा पर सवाल किया गया तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘आपका मतलब सुदर्शन चक्र से है? अगली बार हिंदी में पूछिए, मैं और अच्छा जवाब दूंगा।’
VIDEO | Delhi: Roman Babushkin, Deputy Chief of Mission, Russian Embassy in India surprised everyone welcoming them in Hindi during his press conference.
“Shuruat karengey… Shree Ganesh Karengey!” Babushkin said as he began his media interaction.
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/uMpOFVlLkN
— Press Trust of India (@PTI_News) August 20, 2025
बाबुश्किन ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है। साथ ही उन्होंने कहा कि मास्को को नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों पर ‘भरोसा’ है। उन्होंने कहा, ‘अगर पश्चिम आपकी आलोचना करता है, तो इसका मतलब है कि आप सब कुछ सही कर रहे हैं। हमें उम्मीद नहीं है कि ऐसा होगा (भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा)। हम भारत के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से वाकिफ हैं। यही वह सच्ची रणनीतिक साझेदारी है जिसका हम आनंद ले रहे हैं। चाहे कुछ भी हो जाए, चुनौतियों के दौरान भी, हम किसी भी समस्या को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘राष्ट्रपति पुतिन द्वारा हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी जी को यूक्रेन के हालिया घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने और साझा करने के लिए किए गए फोन कॉल का मतलब है कि भारत रूस के लिए बहुत मायने रखता है। हम आपसी संतुष्टि के लिए कोई भी समाधान निकालने में सक्षम हैं।’
प्रेस वार्ता में रूसी राजनयिक ने मॉस्को के साथ भारत के संबंधों का बचाव करते हुए रूसी कच्चे तेल की खरीद पर अमेरिकी दबाव को ‘अनुचित’ बताया। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी ऊर्जा उत्पादों की निरंतर खरीद के कारण भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है।