Saturday, October 11, 2025
Homeभारतशरद पवार ने स्वीकारा- अदानी के घर 2019 में हुई थी भाजपा...

शरद पवार ने स्वीकारा- अदानी के घर 2019 में हुई थी भाजपा के साथ एनसीपी के गठबंधन की चर्चा

मुंबईः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खुलासे के बाद चाचा शरद पवार ने स्वीकार किया है कि कारोबारी गौतम अदानी के घर भाजपा और एनसीपी की बैठक हुई थी। हाल ही में अजित पवार ने दावा किया कि 2019 में महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले भाजपा और एनसीपी (अविभाजित) प्रमुख शरद पवार के बीच बैठक हुई थी जिसमें उद्योगपति गौतम अदानी भी मौजूद थे।

शरद पवार ने अब अजित पवार के दावे पर मुहर लगा दी है। न्यूजलॉन्ड्री और द न्यूज मिंट से बातचीत में एनसीपी प्रमुख ने कहा कि वह बैठक, जिसमें वे खुद भी मौजूद थे, अदानी के नई दिल्ली स्थित घर पर हुई थी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अदानी ने केवल रात्रि भोज की मेजबानी की थी। राजनीतिक चर्चाओं में उनकी भागीदारी नहीं थी।

शरद पवार ने कहा कि बैठक में उनके अलावा अदानी, अमित शाह और अजित पवार मौजूद थे। यह बैठक अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ से पहले हुई थी, जब देवेंद्र फड़नवीस मुख्यमंत्री बने थे और सरकार केवल 80 घंटे तक चल पाई थी।

शरद पवार ने 2019 की बैठक में क्यों भाग लिया?

शरद पवार ने बताया कि उनके पार्टी के कई सहयोगियों, जिनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा मामले चल रहे थे, ने उन्हें यह आश्वासन दिया था कि अगर वे भाजपा से जुड़ते हैं तो उनके खिलाफ मामले खत्म हो जाएंगे। पवार ने इसका विरोध किया क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि भाजपा अपना वादा निभाएगी। लेकिन उनके सहयोगियों ने कहा, “क्यों न खुद से सुनें?” और इसी कारण वह गौतम अडानी के घर हुई रात्रिभोज में शामिल हुए, जहां अमित शाह भी मौजूद थे। शरद पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि अडानी ने केवल रात्रिभोज की मेज़बानी की थी, लेकिन वह राजनीतिक चर्चाओं में शामिल नहीं थे।

देवेंद्र फड़नवीस ने बताया- बैठक में किन बातों पर हुई थी चर्चा

उधर, अजित पवार के दावे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने भी प्रतिक्रिया दी है। द हिंदू से बातचीत में फड़नवीस ने कहा कि बैठक जरूर हुई थी लेकिन यह बैठक गौतम अदानी के घर नहीं बल्कि कहीं और हुई थी।

फड़नवीस ने कहा कि एक बैठक हुई थी, लेकिन वह गौतम अडानी के घर पर नहीं हुई थी। इसमें अमित शाह, शरद पवार, अजित पवार, प्रफु्ल्ल पटेल और मैं मौजूद थे। यह बैठक दिल्ली में एक न्यूट्रल वेन्यू पर हुई थी। उस समय उद्धव ठाकरे ने यह निर्णय लिया था कि वह हमारे साथ नहीं जुड़ेंगे, इसलिए यह बैठक भाजपा और एनसीपी को सत्ता में लाने के लिए आयोजित की गई थी।

फड़नवीस ने कहा कि 11 नवंबर 2019 को शरद पवार का फोन आया था। उस बैठक में शरद पवार ने राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दिया था, ताकि वह महाराष्ट्र में स्थिर सरकार के पक्ष में लोगों से संवाद कर सकें। बैठक में सभी फैसले किए गए थे कि किसे कौन सा पोर्टफोलियो मिलेगा।

अजित पवार ने क्या दावा किया 

अजित पवार ने हाल ही में द न्यूज मिनट को दिए इंटरव्यू में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह बैठक दिल्ली में एक उद्योगपति के घर पर हुई थी, जिसमें शरद पवार, अमित शाह, गौतम अदानी, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फड़नवीस और वे खुद शामिल थे। उन्होंने कहा, इस बैठक में सबकुछ तय हुआ था। इसका दोष मुझ पर आया, और मैंने इसे स्वीकार कर लिया। मैंने दोष अपने ऊपर लिया और दूसरों को सुरक्षित रखा।”

जब उनसे पूछा गया कि शरद पवार ने बाद में बीजेपी के साथ गठबंधन करने में झिझक क्यों दिखाई, तो अजित ने कहा कि शरद पवार के मन की बात को कोई नहीं समझ सकता। उन्होंने कहा, “पवार साहेब ऐसे नेता हैं, जिनके मन की बात कोई नहीं पढ़ सकता। यहां तक कि हमारी आंटी (शरद पवार की पत्नी प्रतिभा) और सुप्रिया (सुले) भी नहीं।”

ये भी पढ़ेंः अजित पवार का दावा- 2019 में सरकार गठन के लिए बैठक में शाह, पवार के साथ गौतम अदानी भी शामिल थे

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा