नई दिल्लीः नौकरशाही की खामियों का नतीजा सर्बिया में विश्व चेसबॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को भुगतना पड़ा है। ये खिलाड़ी महीनों पहले से अपनी तैयारियों में जुटे थे और देश के लिए कुछ करना चाहते थे। हालांकि, उनकी आस धरी की धरी रह जाती है क्योंकि उन्हें वीजा ही नहीं मिल पाता है।
सर्बिया में होने वाली इस चैंपियनशिप में भाग लेने वाले 11 प्रतिभागियों के साथ ऐसा हुआ। इनमें दो अधिकारी भी शामिल थे। वैश्विक आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए ये खिलाड़ी अपना सामान पैक कर उड़ान भरने की तैयारी में थे लेकिन इनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
सर्बिया में हुआ चैंपियनशिप का आयोजन
इस प्रतियोगिता का आयोजन सर्बिया में 23 से 29 सितंबर के बीच हुआ। वीज प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से प्रतिभागियों का सपना टूट गया। इस दल के एक सदस्य सिद्धांत नाथ झा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने प्रतियोगिता से करीब एक महीने पहले आवेदन किया था। उन्होंने बताया कि 27 अगस्त को अल्पकालिक वीजा के लिए आवेदन किया था। इस प्रक्रिया में अमूमन 15-20 दिन लगते हैं।
ऐसे में उनके पास पर्याप्त समय था। हालांकि, 22 सितंबर को जब यह दल दिल्ली पहुंचा तो एक को छोड़कर किसी के पास भी वीजा नहीं था। सिद्धांत ने बताया कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और इसके साथ ही खेल अधिकारियों से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वह लंबे समय तक दूतावास के अंदर बैठे थे। उन्होंने बताया कि वीजा इसलिए रोक दिए गए क्यों सर्बिया के आंतरिक मंत्रालय ने वीजा पास नहीं किए।
इस खेल की वैश्विक संस्था और सर्बियाई संस्था के बीच बातचीत के बावजूद वीजा प्रक्रियाधीन ही रहे। हालांकि, यहां स्थिति तब और जटिल हो गई जब इस दल के एक सदस्य को वीजा मिल गया। इस सदस्य ने सबसे बाद में वीजा के लिए आवेदन किया था।
झा ने बताया कि हम 30 स्पर्धाओं में से एक-दो स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा “हम बस खेलने का मौका चाहते थे लेकिन वह कभी नहीं मिला।”
विश्व चेसबॉक्सिंग चैंपियनशिप कोई पहला मौका नहीं है जब ऐसा हुआ हो। इससे पहले साल 2023 में विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप टीम के सदस्य भी मैक्सिको के लिए वीजा न मिलने के कारण भाग नहीं ले सके थे। सर्बिया ने इन प्रतियोगिताओं के लिए शतरंज खिलाड़ियों के वीजा अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था।
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प्रतिभागी सिद्धांत ने बताया कि भले ही ऐसे मामले दुर्लभ हैं लेकिन इससे एथलीट के जीवन पर बड़ा असर पड़ता है क्योंकि इसके लिए वे बहुत मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा इसका असर करियर पर पड़ता है खासकर तब और जब वे आयु स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हों।
खिलाड़ी सिद्धांत ने बताया कि अब उनका ध्यान शतरंज की ओर होगा। उन्होंने कहा कि वह अगले साल होने वाले राष्ट्रीय, एशियाई और विश्व चैंपियनशिप में ही शतरंज की ओर लौटेंगे।
सिद्धांत ने बताया कि इस साल उनकी रणनीति विश्व चेसबॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने पर था।
चेसबॉक्सिंग क्या है?
चेसबॉक्सिंग एक मिश्रित खेल है जिसमें शतरंज की मानसिक चुनौती और मुक्केबाजी की शारीरिक चुनौती का मिश्रण होता है। इसमें खिलाड़ी शतरंज से शुरू करते हुए स्पीड शतरंज और फिर मुक्केबाजी के दौर बारी-बारी खेलते हैं। दोनों खेल तब तक बदलते रहते हैं जब तक कि कोई भी खिलाड़ी चेकमेट या फिर नाकआउट में जीत नहीं हासिल कर लेता।
इसमें 11 राउंड होते हैं जिसमें 6 राउंड ब्लिट्ज शतरंज के होते हैं और 5 राउंड बॉक्सिंग के होते हैं। हर एक राउंड तीन मिनट का होता है और एक मिनट का गैप होता है।
मुक्केबाज इसमें विभिन्न भार वर्ग में हिस्सा लेते हैं।