Friday, October 10, 2025
Homeकारोबारसेबी ने लिस्टेड कंपनियों में कॉरपोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता को मजबूत करने...

सेबी ने लिस्टेड कंपनियों में कॉरपोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता को मजबूत करने के लिए दिया प्रस्ताव

मुंबईः लिस्टेड कंपनियों में कॉरपोरेट गवर्नेंस को बेहतर बनाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वार्षिक सचिवीय अनुपालन रिपोर्ट (एएससीआर) के लिए एक संशोधित प्रारूप का प्रस्ताव दिया है। 

इसमें लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड और संबंधित पक्ष लेनदेन अनुमोदन के लिए मौद्रिक सीमाओं को शामिल करने का प्रस्ताव शामिल है। इन प्रस्तावों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लिस्टेड कंपनियां अपने लेन-देन में अनुपालन और पारदर्शिता के उच्च मानक बनाए रखें।

सेबी का प्रस्ताव और उद्देश्य

सेबी ने एएससीआर के प्रारूप और विषय-वस्तु में सुधार के लिए परिवर्तनों का प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य प्रतिभूति कानून के अनुपालन की अधिक स्पष्ट पुष्टि करना है।

नियामक द्वारा वार्षिक रिपोर्ट में एएससीआर संलग्न होने पर कॉर्पोरेट प्रशासन प्रमाणपत्रों और सचिवीय लेखा परीक्षक रिपोर्टों से संबंधित छूट के लिए सुझाव दिए गए हैं। प्रस्तावों में बेहतर तंत्र और एएससीआर को वार्षिक रिपोर्ट का अनिवार्य हिस्सा बनाना शामिल है।

वैधानिक लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के लिए पात्रता के मापदंड निश्चित करने के लिए सेबी ने एलओडीआर विनियमों में कंपनी नियम 2014 के समान प्रावधानों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि लेखा परीक्षकों की योग्यता और अनुभव सूचीबद्ध इकाई के आकार और जटिलता से मेल खाते हों।

सेबी ने सूचीबद्ध संस्थाओं की सहायक कंपनियों द्वारा किए जाने वाले आरपीटी के लिए मौद्रिक सीमा की सिफारिश की है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि लेखा परीक्षा समिति से अनुमोदन की आवश्यकता है या नहीं।

इसके अलावा सेबी ने आरपीटी की परिभाषा को स्पष्ट करने का प्रस्ताव दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूचीबद्ध संस्थाओं की सहायक कंपनियों से जुड़े लेनदेन आरपीटी मानदंडों के अनुरूप हों।

सेबी एलओडीआर मानदंडों में संशोधन का सुझाव दिया, जिससे यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या होल्डिंग और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों के बीच आरपीटी के लिए छूट सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध संस्थाओं पर लागू होती है। सेबी ने प्रस्तावों पर 28 फरवरी तक आम लोगों से टिप्पणियां मांगी हैं। 

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा