Friday, October 10, 2025
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सेबी ने अनिल अंबानी समेत 24 लोगों और संस्थाओं पर 5 साल का बैन, 25 करोड़ का जुर्माना लगाया; क्या रही वजह?

नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) से जुड़े 24 अन्य लोगों और संस्थाओं पर कार्रवाई की है। इनमें कंपनी के पूर्व प्रमुख अधिकारी भी शामिल हैं। इन पर कंपनी से धन की हेराफेरी के आरोप हैं। अनिल अंबानी को पांच साल के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है और उन पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

सेबी ने यह भी कहा कि अंबानी को पांच साल तक किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या सेबी पंजीकृत संस्थान में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय अधिकारी (KMP) के रूप में काम करने की अनुमति नहीं होगी। आरएचएफएल को छह महीने के लिए शेयर बाजार से बाहर कर दिया गया है और 6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

कार्रवाई की क्या रही वजह?

सेबी की जांच में पाया गया कि अंबानी और आरएचएफएल के अधिकारियों ने धोखाधड़ी की योजना बनाई थी, जिसमें ऋण के रूप में पैसे लेकर उन्हें अपनी संबंधित संस्थाओं को दिया गया।

सेबी ने पाया कि वित्तीय वर्ष 2018 और 2019 के दौरान आरएचएफएल ने हजारों करोड़ रुपये के गारंटीड पेमेंट क्रेडिट ( GPC) लोन स्वीकृत किए थे, जिनमें से अधिकांश बिना किसी गारंटी या सुरक्षा के वितरित किए गए थे और ये ऋण आर्थिक रूप से कमजोर कंपनियों को दिए गए थे। इससे शेयरधारकों को भारी नुकसान हुआ।

सेबी के अनुसार, अनिल अंबानी, एडीए ग्रुप के चेयरमैन और आरएचएफएल की होल्डिंग कंपनी के प्रमोटर के रूप में, इस धोखाधड़ी योजना के मुख्य सूत्रधार थे। उन्होंने बड़े ऋणों को मंजूरी देने और संबंधित संस्थाओं को धन हस्तांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अमित बपना, जो आरएचएफएल के पूर्व सीएफओ और क्रेडिट समिति के सदस्य थे, ने मानक प्रक्रियाओं के उल्लंघन के बावजूद ऋणों को मंजूरी दी। बोर्ड द्वारा गारंटीड पेमेंट क्रेडिट ऋणों को रोकने का निर्देश मिलने के बाद भी उन्होंने उनके वितरण को जारी रखा।

आरएचएफएल के सीईओ के रूप में, सुधालकर इन ऋणों के प्रबंधन और मंजूरी के लिए जिम्मेदार थे। सेबी ने पाया कि उन्होंने बोर्ड के निर्देशों का पालन नहीं किया, न तो धन की वसूली की और न ही गारंटियों को लागू किया, जिससे अंततः कंपनी का पतन हुआ।

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सेबी ने किसपर कितना लगाया जुर्माना?

सेबी ने मामले में जिन 24 संस्थाओं पर कार्रवाई की है, उनमें आरएचएफएल के पूर्व अधिकारी अमित बपना, रविंद्र सुधालकर और पिंकेश आर शाह भी शामिल हैं। इन पर भारी जुर्माने लगाए गए हैं।

सेबी ने अमित बपना पर ₹27 करोड़, रविंद्र सुधालकर पर ₹26 करोड़ और पिंकेश शाह पर ₹21 करोड़ का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, इसके अलावा, रिलायंस की अन्य कंपनियों जैसे रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट और रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर भी 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन पर आरोप है कि या तो उन्होंने अवैध ऋणों का लाभ उठाया या आरएचएफएल से धन की अवैध हेराफेरी में मदद की।

गौरतलब है कि फरवरी 2022 में, सेबी ने अनिल अंबानी और अन्य तीन अधिकारियों (अमित बापना, रवींद्र सुधाकर और पिंकेश आर शाह) को कंपनी से धन की हेराफेरी के आरोप में शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।

 

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