Wednesday, August 27, 2025
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Gmail अकाउंट को AI के जरिए हैक कर रहे स्कैमर! कैसे बचें…गूगल ने क्या बताया है?

आज ज्यादातर लोग अपने तमाम डिजिटल अकाउंट के लिए Gmail का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से कहीं से भी एक छोटी से चूक आपकी निजी जानकारी को स्कैमर तक पहुंचा देती है।

नई दिल्ली: जीमेल (Gmail) का इस्तेमाल आज के दौर में दुनिया भर में अरबों लोग करते हैं। ईमेल से लेकर स्मार्टफोन तक के इस्तेमाल के लिए जीमेल अकाउंट जरूरी हो जाता है। इसके अलावा भी कई तरह की सेवाओं के लिए जीमेल का इस्तेमाल होता है। यही नहीं, एक तरह से हमारी-आपकी डिजिटल मौजूदगी आज के दौर में जीमेल पर निर्भर है। हालांकि, इसकी सुरक्षा को लेकर खतरे बढ़ गए हैं।

हाल के दिनों में स्कैमर किसी के जीमेल अकाउंट को हैक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करने लगे हैं। गूगल ने इसे लेकर दुनिया भर में अरबों यूजर को चेतावनी भेजी है। गूगल ने कुछ विवरण साझा किए हैं कि कैसे एआई का इस्तेमाल स्कैमर कर रहे हैं। एआई के इस्तेमाल से उन स्कैमर का भी काम आसान हो जाता है और वे आसानी से अपने टार्गेट को चूना लगा सकते हैं।

जीमेल हैकिंग के लिए एआई का इस्तेमाल पर तरीका पुराना

गूगल ने बताया है कि एआई का इस्तेमाल सुनकर भले ही लग सकता है कि स्कैमर बहुत एडवांस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे होंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। तरीका पुराना ही है, जिसमें स्कैमर किसी शख्स को खुद को गूगल का कोई कर्मचारी बताते हुए फोन करते हैं, फिर मेल भी करते हैं और उसे झांसे में लेते हुए अकाउंट हैक करते हैं।

दरअसल, आज लगभग ज्यादातर डिजिटल अकाउंट के लिए लोग जीमेल का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से कहीं से भी एक छोटी से चूक आपकी निजी जानकारी को स्कैमर तक पहुंचा देती है। जीमेल के दुनिया भर में 2 अरब से ज्यादा यूजर हैं। ऐसे में यह स्कैमर और साइबर हमलों के निशाने पर रहता है।

स्कैमर इन जीमेल यूजर को संदिग्ध मेल करते हैं। इसमें कुछ डराने वाले संदेश होते हैं- ‘जैसे कि आपके खाते से छेड़छाड़ हुई है।’ ऐसे मेल देखते ही कई लोग घबरा जाते हैं और इससे निपटने या मदद की तलाश करने लगते हैं। जबकि उनका जीमेल पूरी तरह सुरक्षित रहता है। ऐसे डराने वाले मेल में संदिग्ध लिंक भी होते हैं और बताया जाता है कि इसके जरिए गूगल से इस संबंध में मदद ली जा सकती है। लोग ऐसे लिंक पर क्लिक करते हैं और ऐसा करते ही वे स्कैमर के लिए रास्ता और आसान कर देते हैं।

गूगल सपोर्ट टीम का झांसा और एआई का इस्तेमाल

लिंक पर क्लिक करते ही स्कैमर आपको फोन आ सकता है, या फिर गूगल सपोर्ट टीम से जोड़ने का दावा किया जा सकता हैं। यहीं से एआई का खेल शुरू होता है। यह फोन कॉल एआई सिस्टम द्वारा किया जाता है और आम लोगों के लिए इसका अंतर जान पाना मुश्किल होता है।

हाल के महीनों में व्हाट्सऐप पर वॉयस फिशिंग यानी किसी जान-पहचान वाले की आवाज में एआई सिस्टम से कॉल और ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। जीमेल भी इन्हीं तरह के स्पैमर के निशाने पर है। जीमेल पर खतरा इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि ज्यादातर लोगों के द्वारा ये इस्तेमाल होता है और एक अकाउंट से शख्स की कई अहम जानकारियां जुड़ी होती हैं।

Gmail को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें?

गूगल पहले भी जीमेल को सुरक्षित रखने को लेकर कई तरह की सलाह जारी करता रहा है। ताजा खतरे से निपटने के लिए भी इन्हीं बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसमें किसी भी संदिग्ध मेल में अटैच लिंक या अन्य अटैचमेंट को नहीं खोले। इसके अलावा हमेशा कुछ दिनों के अंतराल पर अपना पासवर्ड बदलते रहें। फोन में केवल प्रमाणिक ऐप रखें। अपने गूगल अकाउंट में लॉगइन के लिए पासकी (Passkey) यानी फिंगर प्रिंट, फेस स्कैन या स्क्रिन लॉक आदि का इस्तेमाल करें।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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