Monday, October 13, 2025
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WhatsApp की बहाली को लेकर दायर याचिका खारिज करते हुए SC ने Arattai ऐप इस्तेमाल की दी सलाह

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि निजी डिजिटल प्लेटफॉर्म Whatsapp तक पहुँच भारत के संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकार नहीं है।

नई दिल्ली: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महिला डॉक्टर द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि व्हाट्सऐप (WhatsApp) तक उनकी पहुँच एक मौलिक अधिकार है। डॉक्टर ने यह याचिका तब दायर की थी जब मैसेजिंग प्लेटफॉर्म द्वारा उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी निजी मैसेजिंग सेवा का उपयोग करना संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों के दायरे में नहीं आता है।

‘WhatsApp निजी है, आप Arattai इस्तेमाल करें’

दरअसल 13 सितंबर, 2025 की शाम को व्हाट्सऐप ने डॉक्टर रमन कुंद्रा का अकाउंट ब्लॉक कर दिया था। जब उन्होंने समीक्षा की मांग की तो उन्हें 14 सितंबर 2025 की शाम को सूचित किया गया कि अकाउंट ब्लॉक ही रहेगा।

याचिकाकर्ता रमन कुंद्रा ने अपने व्हाट्सऐप अकाउंट को बहाल करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उन्होंने तर्क दिया कि यह प्लेटफॉर्म उनके पेशेवर और व्यक्तिगत संचार के लिए आवश्यक है। हालाँकि, पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि व्हाट्सऐप एक निजी संस्था है और उपयोगकर्ता उसकी सेवा शर्तों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

कोर्ट ने डॉक्टर से जोहे (Zoho) द्वारा बनाए गए एक वैकल्पिक भारतीय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म, ‘अराटाई’ (Arattai) के इस्तेमाल का सुझाव दिया। पीठ ने कहा, “आप अराटाई का इस्तेमाल कर सकती हैं।”

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि निजी डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुँच भारत के संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि डिजिटल संचार महत्वपूर्ण है, लेकिन उपयोगकर्ताओं को प्लेटफॉर्म की नीतियों का पालन करना होगा और वे निजी तौर पर संचालित सेवाओं के हकदार होने का दावा नहीं कर सकते।

इसके साथ ही, बेंच ने आगे के उन तर्कों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि व्हाट्सऐप की कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे दावों को उचित नियामक या नागरिक चैनलों के माध्यम से उठाया जाना चाहिए।

कोर्ट के आदेश में दर्ज है, “याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्रीमती महालक्ष्मी पावनी, निर्देश मिलने के बाद, इस याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगती हैं, जिसमें याचिकाकर्ताओं को उचित मंच के समक्ष कानून के तहत उपलब्ध अन्य उपाय का लाभ उठाने की स्वतंत्रता होगी।”

Arattai ऐप क्या है?

अराटाई एक व्हाट्सऐप की तरह ही मैसेजिंग ऐप है जिसको जोहो कार्पोरेशन ने प्रोड्यूस किया है। इसे स्वदेशी व्हाट्सऐप कहा जा रहा है। अराटाई एक तमिल शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘चैट’। हाल ही में भारत के ऐप स्टोर में शीर्ष स्थान पर पहुँच गया है। स्वदेशी होने के चलते भारी संख्या में इसे भारतीय डाउनलोड कर रहे हैं। इसने कुछ समय के लिए व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और सिग्नल को भी पीछे छोड़ दिया था।

2021 में लॉन्च किए गए इस ऐप को पहले एक सीमित परियोजना के रूप में देखा जाता था, लेकिन एआई चिंताओं, स्पाई कंट्रोवर्सी और बिग टेक की निगरानी के माहौल में, स्पाइवेयर-मुक्त, भारत में निर्मित मैसेंजर के रूप में इसकी पहचान ने यूजर्स को काफी आकर्षित किया है।

इस ऐप की लोकप्रियता केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित सरकारी अधिकारियों के समर्थन से बढ़ी है, जिन्होंने भारतीयों से स्वदेशी प्लेटफॉर्म अपनाने का आग्रह किया था। अट्टाई ऐप में टेक्स्ट, वॉयस नोट्स, मीडिया शेयरिंग, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ ऑडियो-वीडियो कॉल और मल्टी-डिवाइस सपोर्ट जैसी परिचित सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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