Saturday, December 6, 2025
Homeसाइंस-टेक'संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, यूजर इसे हटा सकते हैं', विवाद के...

‘संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, यूजर इसे हटा सकते हैं’, विवाद के बीच दूरसंचार मंत्री सिंधिया ने किया साफ

केंद्रीय दूरसंचार एवं संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि ऐप कॉल मॉनिटरिंग या जासूसी की सुविधा नहीं देता। यूजरों के पास इसके एक्टिवेशन पर पूरा नियंत्रण है और वे इसे कभी भी हटा सकते हैं,

नई दिल्ली: केंद्रीय दूरसंचार एवं संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप पर चल रहे विवाद के बीच मंगलवार को स्पष्ट किया यह पूरी तरह से वैकल्पिक है। उन्होंने कहा कि ऐप को कभी भी हटाया जा सकता है और यह तभी काम करेगा जब यूजर इसे सक्रिय करना चाहेगा।

सिंधिया ने आगे कहा कि सरकार की भूमिका ऐप को जन सुरक्षा के साधन के रूप में उपलब्ध कराने तक सीमित है। उन्होंने अनिवार्य इंस्टॉलेशन के दावों को खारिज करते हुए कहा, ‘इसे अपने डिवाइस पर रखना या न रखना पूरी तरह से यूजरों पर निर्भर है।’

संचार साथी ऐप से जुड़ी चिंताओं के सवाल पर उन्होंने उपभोक्ता सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि सरकार का ध्यान राजनीतिक बहसों पर प्रतिक्रिया देने के बजाय यूजरों की सुरक्षा पर है।

‘संचार साथी कॉल मॉनिटरिंग नहीं, सुरक्षा के लिए’

सिंधिया ने बताया कि संचार साथी पोर्टल को 20 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है, जबकि ऐप के 1.5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हैं। उन्होंने इसके व्यावहारिक प्रभावों का भी जिक्र किया, जिसमें लगभग 1.75 करोड़ धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शन काटे गए और लगभग 20 लाख चोरी हुए फोनों का पता लगाया गया। इनमें से लगभग 7.5 लाख फोन उनके असली मालिकों को वापस कर दिए गए।

मंत्री ने कहा कि ऐप कॉल मॉनिटरिंग या जासूसी की सुविधा नहीं देता। यूजरों के पास इसके एक्टिवेशन पर पूरा नियंत्रण है और वे इसे कभी भी हटा सकते हैं, जिससे यह पूरी तरह से वैकल्पिक हो जाता है। सिंधिया ने कहा, ‘हमारा कर्तव्य उपभोक्ताओं की मदद करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। संचार साथी ऐप हर उपभोक्ता को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम बनाता है। संचार साथी पोर्टल के 20 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हैं और ऐप के 1.5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हैं। संचार साथी ने लगभग 1.75 करोड़ धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शनों को डिस्कनेक्ट करने में मदद की है। लगभग 20 लाख चोरी हुए फोन का पता लगाया गया है और लगभग 7.5 लाख चोरी हुए फोन उनके मालिकों को सौंपे गए हैं। यह सब संचार साथी की बदौलत संभव हुआ है। यह ऐप जासूसी या कॉल मॉनिटरिंग की सुविधा नहीं देता है।’

सिंधिया ने कहा कि सरकार संचार साथी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करती है, लेकिन इसे डिवाइस पर रखना पूरी तरह से यूजर पर निर्भर करता है। उन्होंने इसकी तुलना किसी भी अन्य मोबाइल ऐप से की जिसे अपनी इच्छानुसार इंस्टॉल या हटाया जा सकता है। उन्होंने दोहराया कि इस पहल का उद्देश्य केवल यूजरों की सुरक्षा और दूरसंचार धोखाधड़ी से निपटना है।

दूरसंचार मंत्री ने आगे कहा, ‘अगर आप संचार साथी नहीं चाहते हैं, तो आप इसे हटा सकते हैं। यह वैकल्पिक है। यह ग्राहकों की सुरक्षा के बारे में है। मैं सभी भ्रांतियों को दूर करना चाहता हूँ। इस ऐप को सभी के लिए उपलब्ध कराना हमारा कर्तव्य है। इसे अपने डिवाइस पर रखना या न रखना उपयोगकर्ता पर निर्भर है। इसे किसी भी अन्य ऐप की तरह मोबाइल फोन से हटाया जा सकता है।’

इस बीच, भाजपा नेता अमित मालवीय ने लोगों से संचार साथी ऐप के बारे में ‘फर्जी खबरों’ पर ध्यान न देने का आग्रह किया और कहा कि यह कोई निगरानी उपकरण नहीं है। उन्होंने कहा कि यह ऐप संदेश नहीं पढ़ सकता, कॉल नहीं सुन सकता या व्यक्तिगत डेटा तक नहीं पहुँच सकता, और इसे पूरी तरह से दूरसंचार सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।

मालवीय ने बताया कि संचार साथी यूजरों को स्पैम की रिपोर्ट करने, चोरी हुए फोन ब्लॉक करने, फर्जी कॉल का पता लगाने और उनके नाम पर जारी किए गए सिम कार्ड सत्यापित करने में मदद करता है। बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए, उन्होंने कहा कि यह प्लेटफॉर्म बेहद जरूरी है, और इससे लाखों डिवाइस ब्लॉक या ट्रेस किए गए हैं और धोखाधड़ी के प्रयासों को रोका गया है।

क्या है संचार साथी से जुड़ा विवाद?

दरअसल, दूरसंचार मंत्रालय ने स्मार्टफोन कंपनियों को सरकार द्वारा विकसित ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल करने को कहा है। यह ऐप यूजरों को चोरी हुए फोन की सूचना देने, अनधिकृत मोबाइल कनेक्शन को ट्रैक करने और संदिग्ध या धोखाधड़ी वाले कॉल और संदेशों को चिह्नित करने की सुविधा देता है।

इससे पहले, दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा 28 नवंबर को जारी एक निर्देश के अनुसार, देश में बिकने वाले सभी नए स्मार्टफोन में संचार साथी फीचर पहले से ही होना अनिवार्य था। साथ ही कहा गया था बाजार में पहले से मौजूद फोन के लिए, कंपनियों को ऐप जोड़ने के लिए एक सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करना होगा।

क्या है संचार साथी ऐप?

संचार साथी ऐप मई 2023 में लॉन्च किए गए सरकार के पहले वेब पोर्टल पर आधारित है। इस साल जनवरी में दूरसंचार विभाग ने एंड्रॉइड और iOS के लिए संचार साथी मोबाइल ऐप लॉन्च किया, जिससे उपयोगकर्ताओं को मोबाइल से संबंधित धोखाधड़ी और चोरी की रिपोर्ट करने का एक आसान तरीका मिला।

ऐप इंस्टॉल होने के बाद, यूजर भारत के सभी दूरसंचार नेटवर्क पर खोए या चोरी हुए फोन को ब्लॉक करने का अनुरोध कर सकते हैं। इससे कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​डिवाइस को उसके विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) नंबर का उपयोग करके ट्रैक कर सकती हैं। यह 15 अंकों का कोड होता है जो नेटवर्क को फोन की पहचान और प्रमाणीकरण में मदद करता है।

ऐप में ‘चक्षु’ नाम का भी फीचर है, जिसका उपयोग साइबर सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले लिंक या हानिकारक संचार की पहचान करने के लिए किया जाता है। इसमें फिशिंग लिंक और वित्तीय ठगी से लेकर असत्यापित APK फाइलों, क्लोनिंग प्रयासों या SMS, RCS, iMessage, WhatsApp, Telegram और अन्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्राप्त स्पैम संदेशों तक सब कुछ शामिल है।

ऐप के अंदर एक अन्य फीचर यूजरों को अपने नाम से पंजीकृत सभी मोबाइल नंबर देखने और किसी भी अपरिचित कनेक्शन की रिपोर्ट करने की अनुमति देती है।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments