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सैम पित्रोदा फिर बनाए गए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष, विवादित बयान के कारण पहले दिया था इस्तीफा

नई दिल्ली: सैम पित्रोदा को एक बार फिर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बुधवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तुरंत प्रभाव से पित्रोदा की नियुक्ति को मंजूरी दी।

इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी। उन्होंने पत्र जारी करते हुए बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने सैम पित्रोदा को तत्काल प्रभाव से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का पुनः अध्यक्ष नियुक्त किया है।

अपने बयानों से पित्रदा रहते है सुर्खियों में

हाल ही में सैम पित्रोदा ने अपने विवादित बयानों के बाद इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पित्रोदा अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों से उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए कई मौकों पर मुश्किलें खड़ी की थी। बीते दिनों सैम पित्रोदा ने भारत की विविधता पर कहा था कि भारत के पूर्व में रहने वाले लोग चीनी लगते हैं, वहीं दक्षिण में रहने वाले लोग अफ्रीकी लगते हैं तो पश्चिमी भारत के लोग अरब के निवासियों जैसे लगते हैं।

हाल में पित्रोदा ने इस्तीफा दिया था

इसके साथ ही पित्रोदा ने यह भी कहा था कि उत्तर भारतीय गोरे होते हैं, शायद वो गोरों जैसे दिखते हैं। चुनाव के दौरान दिए गए पित्रोदा के इस बयान ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। इसके बाद उन्होंने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा था

सैम पित्रोदा के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में लोकसभा चुनाव की रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि शहजादे के फिलॉस्फर और गाइड अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है।

पित्रोदा ने कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, वो सब अफ्रीका के हैं, मतलब देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दे दी।

विरासत टैक्स वाले बयान पर भी काफी विवाद हुआ था

सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स पर भी बयान दिया था। चुनावी मौसम में इस मुद्दे पर पहले ही विवाद था। सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस को चौतरफा हमलों का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस ने सैम पित्रोदा से किनारा तक कर लिया था।

पार्टी का कहना था कि ऐसा नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं। कई बार उनके विचार कांग्रेस पार्टी के विचार नहीं होते हैं। (आईएएनएस)

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