Friday, October 10, 2025
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कई बार कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या

स्टॉकहोम (स्वीडन): साल 2023 में कई बार कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका की स्वीडन में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। दुनिया भर की विभिन्न मीडिया रिपोर्ट में भी कहा गया है कि स्वीडन के अधिकारियों ने सलवान मोमिका की हत्या की पुष्टि कर दी है।

मोमिका की हत्या के पीछे किन लोगों का हाथ है, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है। सलनाम मोमिका के सार्वजनिक रूप से कई बार कुरान जलाने के कृत्यों से दुनिया भर के मुस्लिम देशों में भारी आक्रोश  देखने को मिला था। 

सामने आई जानकारी के अनुसार हत्या की इस घटना को ऐसे समय में  अंजाम दिया गया है, जब गुरुवार को स्टॉकहोम की अदालत में यह फैसला सुनाया जाना था कि क्या सलवान मोमिका धार्मिक घृणा भड़काने का दोषी था।कोर्ट की ओर से फैसले को यह कहते हुए टाल दिया गया कि ‘प्रतिवादियों में से एक की मौत हो गई है।’

स्वीडिश समाचार एजेंसी एसवीटी की रिपोर्ट के अनुसार गोलीबारी बुधवार रात  स्टॉकहोम के पास सोडरटालजे में हुई और बाद में पुलिस ने पीड़ित की पहचान सलवान मोमिका के रूप में की।

सलवान मोमिका कौन था?

38 वर्षीय सलवान मोमिक ने स्वीडन में कई बार इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान को जलाने और अपमानित करने की घटना को अंजाम दिया था। कुरान जलाने के वीडियो से कई मुस्लिम देशों में आक्रोश देखा गया था और दंगे हुए। सलवान मोमिका पर जातीय समुदायों के खिलाफ दूसरे लोगों को उकसाने के आरोप में स्वीडिश अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही थी।

मोमिका मूल रूप से इराक का एक एक्टिविस्ट था और स्वीडन में बतौर शरणार्थी रह रहा था। मोमिक के साथ कुरान जला कर प्रदर्शन करने वालों में सलावान नजेम नाम का शख्स भी शामिल था। दोनों के खिलाफ घृणा फैलाने के आरोप थे।

मोमिका ने मस्जिद के बाद ईद पर जलाई थी जब कुरान

जून 2023 में ईद के दिन मोमिका पहली बार पूरी दुनिया में चर्चा में आया था जब उसने स्टॉकहोम की सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान की एक प्रति जलाई। वह घटना कैमरे में भी कैद हुई और पूरी दुनिया में वायरल हुई।

कई साल पहले, धोखाधड़ी सहित कई मामलों में आरोप लगने के बाद मोमिका स्वीडन भाग कर आ गया था। कुरान जलाकर प्रदर्शन करने वाली घटनाओं के बाद स्वीडिश सरकार ने फ्री स्पीच की बात करते हुए इस तरह की घटनाओं की निंदा भी की थी। हालांकि, इस बीच स्वीडन की खुफिया एजेंसी ने आतंकी चेतावनी स्तर को बढ़ाकर पांच में से चार कर दिया था।

इराक ने मांगा था मोमिका का प्रत्यर्पण

दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय में विरोध के बाद स्वीडन ने झूठे दावों का हवाला देते हुए अक्टूबर 2023 में मोमिका का रेसिडेंसी परमिट रद्द कर दिया था। इस बीच इराक ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया, लेकिन स्वीडिश अधिकारियों ने उसके निर्वासन पर अस्थायी रोक लगा दी। 

मोमिका ने भी दलील दी थी कि इराक में उसकी जान को खतरा है। मोमिका ने बाद में नॉर्वे में शरण लेने का प्रयास किया लेकिन उसे वापस स्वीडन भेज दिया गया, जहां उसे एक साल का परमिट दिया गया था। 

यह भी पढ़ें- खालिस्तानी निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के सबूत नहीं: कनाडाई आयोग की रिपोर्ट

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