Wednesday, September 10, 2025
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‘दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार…’, रूसी ड्रोन के पोलैंड में घुसने पर यूरोप में बढ़ा तनाव; NATO देगा जवाब!

रूसी ड्रोन के दाखिल होने की घटना के बाद पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने संसद को बताया कि पोलैंड अब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार ऐसे खुले संघर्ष के सबसे करीब है।

यूक्रेन और रूस की जंग क्या अब पोलैंड पहुंच रही है? सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, कई रूसी ड्रोन पोलैंड के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए उसकी सीमा में दाखिल हो गए। पोलैंड ने इसे उकसावे वाली कार्रवाई बताया है। साथ ही पोलैंड ने नाटो (NAT0) के अनुच्छेद 4 का इस्तेमाल किया और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने पुष्टि की है कि पोलिश सेना ने NATO के समर्थन से रातों-रात कई ड्रोन मार गिराए।

बताया जा रहा है कि यह पहली बार है जब NATO के किसी सदस्य देश ने अपने क्षेत्र में रूस के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल किया है। यह घटना करीब साढ़े तीन साल पहले शुरू हुए जंग के बाद से यूक्रेन पर रूस के सबसे बड़े हवाई हमले के दौरान हुई, जिसमें सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों ने कीव और लिवीव (Lviv) सहित कई और शहरों को निशाना बनाया। इसी दौरान कई ड्रोन पोलैंड में घुस आए, जिसके कारण वारसॉ ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और नीदरलैंड और जर्मनी सहित नाटो सहयोगियों के साथ अपने विमानों को तैनात कर दिया।

पोलैंड के प्रधानमंत्री टस्क ने बाद में संसद को बताया कि पोलैंड अब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार ऐसे खुले संघर्ष के सबसे करीब है। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास यह दावा करने का कोई कारण नहीं है कि हम युद्ध के कगार पर हैं, लेकिन एक सीमा पार हो गई है… यह स्थिति हमें द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे करीब ले आई है।’

रूस-यूक्रेन जंग में अब पोलैंड की एंट्री? क्या कुछ हुआ है…

भड़का पोलैंड: साल 2022 में रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार पोलैंड ने नाटो के अनुच्छेद 4 को लागू करते हुए अपनी सुरक्षा पर सहयोगी देशों से परामर्श की माँग की है। पोलैंड नाटो का सदस्य है। इसका अनुच्छेद 4 किसी भी सदस्य को अपनी क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा के लिए खतरों से संबंधित चिंताओं को उत्तरी अटलांटिक परिषद (नाटो) के समक्ष उठाने का अधिकार देता है।

असल में नाटो की स्थापना संधि का अनुच्छेद 4 किसी भी सदस्य देश को अपनी क्षेत्रीय अखंडता या सुरक्षा के लिए खतरा महसूस होने पर परामर्श का अनुरोध करने की अनुमति देता है। 1949 के बाद से अनुच्छेद 4 का इस्तेमाल बहुत कम बार किया गया है। इसमें 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद पोलैंड द्वारा और सीरिया से खतरों के जवाब में तुर्की द्वारा कई बार इसका इस्तेमाल शामिल है। यहां ये भी जानना जरूरी है कि अनुच्छेद 4 सहयोगी देशों को सैन्य कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं करता है।

पोलैंड ने कितने ड्रोन मार गिराए: पोलैंड के रक्षा मंत्री व्लादिस्लाव कोसिनियाक-कामिज ने पुष्टि की है कि यूक्रेन पर रूस की रात भर की बमबारी के दौरान 10 से ज्यादा ऑब्जेक्ट पोलिश हवाई क्षेत्र में घुस आईं। उन्होंने बताया कि खतरा पैदा करने वाले कई ड्रोनों को नाटो बलों की मदद से रोककर नष्ट कर दिया गया। पोलैंड के गृह मंत्रालय ने बताया कि रात भर हवाई क्षेत्र के उल्लंघन में एक घर और एक कार क्षतिग्रस्त हुई। वहीं, प्रवक्ता करोलिना गैलेका ने कहा, ‘हमें सात ड्रोन और प्रोजेक्टाइल के मलबे मिले हैं…जिनका स्रोत अज्ञात है।’

रूसी ड्रोन के दाखिल होने के बाद अफरातफरी: रिपोर्ट के अनुसार रॉयल नीदरलैंड्स एयर फोर्स ने F-35 लड़ाकू विमान तैनात कर दिए थे। जबकि जर्मन पैट्रियट बैटरियों को भी अलर्ट पर रखा गया। इटली भी सक्रिय हो गया था। स्थानीय अधिकारियों ने ल्यूबलिन क्षेत्र के वायरीकी जैसे गाँवों में नुकसान की सूचना दी है, जहाँ एक घर पर हमला हुआ, हालाँकि कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं, वारसॉ के चोपिन हवाई अड्डे ने सैन्य गतिविधि के कारण कई घंटों के लिए उड़ानें स्थगित कर दी थी।

यूक्रेन पर रूस का बड़ा हवाई हमला: दूसरी ओर यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि रूस ने रात भर में 415 ड्रोन और 40 से अधिक मिसाइलें दागीं, जिससे देश के मध्य और पश्चिम में स्थित शहरों पर हमला हुआ। पोलैंड की सीमा से सटे लविव में रिहायशी इलाकों और बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचा, जबकि खमेलनित्सकी में एक सिलाई का कारखाना और पेट्रोल स्टेशन तबाह हो गए। इससे तीन लोग घायल हो गए।

वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस जानबूझकर युद्ध को नाटो क्षेत्र के करीब ला रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि साझेदारों को निर्णायक जवाब देना चाहिए। यूक्रेनी अधिकारियों ने हमले को फरवरी 2022 के बाद से सबसे बड़े हमलों में से एक बताया। जबकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने क्रीमिया और रूसी क्षेत्रों में 122 यूक्रेनी ड्रोनों को रोका है। उसने कहा कि रूस की ओर से यह हमला अपनी रक्षा के लिए था।

यूरोप में तनाव: यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कल्लास ने कहा है कि पोलैंड में ड्रोन का दाखिल होना ‘युद्ध शुरू होने के बाद से यूरोपीय हवाई क्षेत्र का सबसे गंभीर उल्लंघन’ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सबूतों से पता चलता है कि यह घुसपैठ जानबूझकर की गई थी। लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीतानास नौसेदा ने भी मास्को पर यूरोप के खिलाफ ‘जानबूझकर अपनी आक्रामकता बढ़ाने’ का आरोप लगाया, जबकि एस्टोनिया के विदेश मंत्री मार्गस त्सखना ने कहा कि रूस ‘न केवल यूक्रेन के लिए, बल्कि पूरे नाटो के लिए खतरा’ है। स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने भी ऐसी ही चिंता जताई है और पोलैंड के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को ‘अस्वीकार्य’ बताया।

नाटो ने क्या कहा है: नाटो अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मित्र देशों की सेनाओं ने रात भर पोलैंड में दाखिल हुए ऑब्जेक्ट को मार गिराने में सक्रिय रूप से साथ दिया। सुप्रीम एलाइड पॉवर्स यूरोप के कर्नल मार्टिन ओ’डॉनेल ने कहा कि यह पहली बार था जब नाटो के विमानों ने युद्ध के दौरान किसी सदस्य के हवाई क्षेत्र में संभावित खतरों का सामना किया। डच एफ-35 विमानों ने पोलिश जेट विमानों की सहायता के लिए उड़ान भरी, जबकि जर्मन, इतालवी और बहुराष्ट्रीय नाटो विमानों को सहायता और निगरानी के लिए तैनात किया गया था। नाटो प्रवक्ता एलिसन हार्ट ने पुष्टि की है कि गठबंधन के राजदूत एक पूर्व नियोजित बैठक में इस घटना पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘नाटो मित्र देशों की सीमा के हर किलोमीटर की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’

पोलैंड पहले भी झेलता रहा है खतरा: वैसे यह पहली बार नहीं है जब रूस के ऑब्जेक्ट या ड्रोन पोलैंड में घुसे हैं, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि इसका पैमाना इस बार बड़ा था जो इस मामले को अलग बनाता है। इससे पहले अगस्त 2023 में, एक रूसी ड्रोन पोलैंड के एक मक्के के खेत में फट गया था, जिसे वारसॉ ने ‘उकसावे’ की घटना करार दिया था। इससे पहले मार्च में एक रूसी मिसाइल यूक्रेन की ओर जाते समय पोलैंड से होकर कुछ देर के लिए गुजरी थी, जिससे जेट विमानों को वापस लौटना पड़ा था। वहीं, नवंबर 2022 में एक यूक्रेनी विमान-रोधी मिसाइल से पोलैंड की सीमा में दो नागरिकों की मौत हो गई थी।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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