Friday, October 10, 2025
Homeविश्वक्या एशिया पहुँच सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध? उत्तर कोरिया को लेकर दक्षिण...

क्या एशिया पहुँच सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध? उत्तर कोरिया को लेकर दक्षिण कोरिया के दावे से उठने लगे हैं सवाल

सियोल: रूस-यूक्रेन के बीच पिछले दो साल से ज्यादा समय से जारी जंग के बीच दक्षिण कोरिया ने बड़ा दावा किया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिन वोन-सिक ने दावा किया है कि रूस ने यूक्रेनी सीमा के पास उत्तर कोरिया के सैनिकों की तैनाती के बदले उसे (उत्तर कोरिया) एयर डिफेंस मिसाइलें और अन्य सैन्य तकनीक भेजी है। इन शिपमेंट को अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच गहरे संबंधों के नए संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

बहरहाल, दक्षिण कोरिया के दावे के बाद यह आशंका बढ़ गई है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर एशिया में देखने को मिल सकता है। ऐसी आशंका है कि रूस-यूक्रेन जंग एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ा सकता है। वैसे अभी तक न तो उत्तर कोरिया और न ही रूस ने इस तरह के कथित लेनदेन में शामिल होने की बात स्वीकार की है।

दक्षिण कोरिया ने रूस को लेकर क्या दावा किया है?

दक्षिण कोरिया के शीर्ष सुरक्षा सलाहकार शिन वोन-सिक ने शुक्रवार को एक टेलीविजन इंटरव्यू में कहा कि रूस-यूक्रेन सीमा के पास 10 हजार से अधिक सैनिकों को तैनात करने बदले क्रेमलिन ने प्योंगयांग को तकनीक और सैन्य उपकरण सहायता प्रदान की है।

टीवी चैनल एसबीएस से शिन वोन-सिक ने कहा, ‘यह पता चला है कि प्योंगयांग की कमजोर वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से उपकरण और एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें उत्तर कोरिया को पहुंचा दी गई हैं।’

निगरानी उपग्रहों से लेकर पनडुब्बियों तक की मदद

दक्षिण कोरियाई अधिकारियों का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया को निगरानी उपग्रहों से लेकर पनडुब्बियों तक की सैन्य तकनीक और मॉस्को की ओर से संभावित सुरक्षा गारंटी का वादा किया गया है।

इंटरव्यू के दौरान हालांकि, शिन ने यह नहीं बताया कि दक्षिण कोरियाई खुफिया अधिकारियों ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच इन लेनदेन की पुष्टि कैसे की है। दक्षिण कोरिया और पश्चिम को जो बात अधिक चिंतित कर रही है वो ये है कि रूस अगर अपना परमाणु और मिसाइल तकनीक प्योंगयांग से साझा करता है, तो स्थिति गंभीर हो जाएगी।

उत्तर कोरिया से चीन भी नाराज!

इससे पहले जून में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन से मिलने के लिए प्योंगयांग की यात्रा की थी। अपनी यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने एक पारस्परिक सहायता समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। इसके तहत दोनों देशों को एक दूसरे पर हमले की स्थिति में ‘बिना देरी’ सैन्य सहायता प्रदान करना है।

इन सबके बीच ऐसी भी खबरें सामने आ रही हैं कि चीन कुछ हालिया कूटनीतिक बातों से नाराज है। इस साल जुलाई में प्योंगयांग में चीनी राजदूत कोरियाई युद्ध की समाप्ति की सालगिरह के जश्न से दूर रहे।

द गार्डियन के अनुसार बीजिंग इस बात से चिंतित है कि उत्तर कोरिया को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से परमाणु हथियारों सहित क्षेत्रीय तनाव को बढ़ावा मिल सकता है। इससे चीन के अमेरिकी सहयोगियों से भी रिश्ते और गड़बड़ हो सकते हैं। विशेष रूप से जापान और दक्षिण कोरिया के साथ तनाव गहरा सकता है।

इन सबके बीच दक्षिण कोरियाई खुफिया अधिकारियों ने इस सप्ताह संसद को बताया कि उनका मानना ​​​​है कि उत्तर कोरियाई सैनिक पहले से ही युद्ध में शामिल हैं। इनमें से कुछ को रूस की हवाई ब्रिगेड और मरीन यूनिट्स में शामिल किया गया है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा