तियानजिन: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से ठीक पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बड़ा बयान दिया है। इस बयान से उन्होंने अमेरिका को इशारों-इशारों में एक बड़ा संदेश भी दे दिया। पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (आयात शुल्क) संबंधी खतरों के बीच ब्रिक्स समूह को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चीन और रूस मिलकर ब्रिक्स को दुनिया के सामने एक ‘नए विकल्प’ के तौर पर पेश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि ट्रंप के टैरिफ से अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल है। चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ को दिए एक साक्षात्कार में पुतिन ने कहा, हम ब्रिक्स की क्षमता को मजबूत करने के लिए एकजुट हैं, ताकि यह समूह दुनिया की मौजूदा चुनौतियों का सामना कर सके। पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर एक जैसा नजरिया रखते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बीच पुतिन ने उन भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की जो सदस्य देशों और पूरी दुनिया के सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालते हैं। अमेरिका का नाम लिए बिना पुतिन ने वित्तीय साधनों के इस्तेमाल को नव-उपनिवेशवाद का एक रूप बताया और कहा कि यह ‘वैश्विक बहुमत’ के हितों के खिलाफ है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं में सुधार की वकालत भी की। पुतिन ने कहा कि एक नई वित्तीय प्रणाली ‘सच्ची समानता’ और सभी देशों के लिए समान पहुँच पर आधारित होनी चाहिए।
पुतिन ने कहा कि रूस और चीन ब्रिक्स को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि इसे वैश्विक आर्थिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश सदस्य देशों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
मजबूत होते रूस-चीन संबंध
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी एससीओ समिट से पहले अपने बयान में रूस के साथ चीन के संबंधों को प्रमुख विश्व शक्तियों के बीच सबसे स्थिर, परिपक्व और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया। पुतिन ने भी शी की रूस यात्रा को ‘बेहद सफल’ बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के संबंधों के लिए ‘गहरा प्रतीकात्मक महत्व’ रखती है।
पुतिन ने सिन्हुआ को बताया कि 2021 के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार 100 अरब डॉलर बढ़ चुका है, और चीन अब रूस का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। उन्होंने यह भी बताया कि अब दोनों देशों के बीच ज्यादातर लेन-देन रूसी रूबल और चीनी युआन में ही होता है, जिससे व्यापारिक बाधाएँ कम हुई हैं।
पुतिन ने यह भी कहा कि वह शी जिनपिंग के निमंत्रण पर चीन का दौरा करेंगे और महान विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाने में चीनी पक्ष के साथ शामिल होंगे। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय एजेंडे के सभी पहलुओं और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की उम्मीद है।
बैठक से पहले दोनों नेताओं ने उम्मीद जताई कि इस बार का एससीओ शिखर सम्मेलन संगठन को नई ताकत देगा, ताकि सदस्य देश मौजूदा खतरों और चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकें और एशिया और दुनिया भर में शांति और समृद्धि को बनाए रखा जा सके।