Friday, August 22, 2025
No menu items!
Homeसाइंस-टेकरूस में WhatsApp और Telegram कॉलिंग पर पाबंदी, सरकार ने क्यों उठाया...

रूस में WhatsApp और Telegram कॉलिंग पर पाबंदी, सरकार ने क्यों उठाया ये कदम?

रूस की सरकार ने डिजिटल स्पेस पर नियंत्रण और कड़ा करते हुए लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप और टेलिग्राम की वॉयस व वीडियो कॉल सेवाओं पर रोक लगा दी है। रूस की मीडिया और इंटरनेट नियामक रोसकोमनाडजोर ने यह प्रतिबंध लागू करने की घोषणा की।

रिपोर्टों के मुताबिक, इस कदम से WhatsApp के करीब 9.6 करोड़ और Telegram के लगभग 8.9 करोड़ मासिक उपयोगकर्ता प्रभावित हुए हैं।

प्रतिबंधों के पीछे क्या है रूस का तर्क?

रोसकोमनाडजोर ने इन प्रतिबंधों का बचाव करते हुए कहा है कि ये ऐप्स अपराधियों के लिए मुख्य उपकरण बन गए हैं। नियामक के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग धोखाधड़ी, जबरन वसूली, और यहाँ तक कि तोड़फोड़ या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। रोसकोमनाडजोर ने आरोप लगाया कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद व्हाट्सऐप और टेलिग्राम ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

नियामक ने कहा, “ये दोनों मैसेंजर धोखाधड़ी की योजनाओं और नागरिकों को खतरनाक गतिविधियों में फँसाने के लिए प्रमुख साधन बन गए हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सहयोग के लिए कई बार अपील की, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला।”

डेटा तक पहुंच न देने पर प्रतिबंध जारी रहेगा

इस मुद्दे की जड़ में रूसी कानून का पालन करने की मॉस्को की मांग है, जिसमें आधिकारिक अनुरोध पर उपयोगकर्ता के डेटा तक पहुँच देना भी शामिल है। रोसकोमनाडजोर ने साफ तौर पर कहा है कि यदि ये प्लेटफॉर्म रूस की इन शर्तों को मानने के लिए तैयार हो जाते हैं, तो वॉयस कॉल की सुविधा बहाल की जा सकती है।

यह कदम क्रेमलिन की रूस के डिजिटल परिदृश्य पर नियंत्रण स्थापित करने की एक व्यापक नीति का हिस्सा है। 2022 में यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद से यह कोशिशें और तेज हो गई हैं। अधिकारी लगातार Telegram पर यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों की मदद करने का आरोप लगाते रहे हैं, यह दावा करते हुए कि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग रूस के भीतर तोड़फोड़ की घटनाओं के लिए लोगों को भर्ती करने में किया जाता है।

जुलाई में, रूसी सरकार ने एक नया कानून भी पारित किया था, जो उन उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाता है जो राज्य द्वारा “अवैध” माने जाने वाले ऑनलाइन कंटेंट तक पहुँचते हैं। इसके साथ ही, अधिकारी विदेशी ऐप्स को बदलने के लिए “Max” नाम का एक घरेलू मैसेजिंग प्लेटफॉर्म लाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं। आलोचकों का मानना है कि ऐसा प्लेटफॉर्म आने से अधिकारियों को उपयोगकर्ता के संचार तक व्यापक पहुँच मिल जाएगी, जिससे डिजिटल गोपनीयता पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

WhatsApp और Telegram ने क्या कहा?

इस प्रतिबंध पर व्हाट्सऐप ने कड़ा रुख अपनाते हुए सुरक्षित संचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। एक प्रवक्ता ने कहा, “हम निजी मैसेजिंग को कमजोर करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ खड़े हैं। यही कारण है कि रूसी अधिकारी 10 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं को व्हाट्सऐप से अलग करने की कोशिश कर रहे हैं।”

वहीं, रूसी मूल के तकनीकी उद्यमी पावेल दुरोव द्वारा बनाए गए Telegram ने एएफपी समाचार एजेंसी को एक बयान जारी कर कहा कि वह हानिकारक कंटेंट को हटाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। प्लेटफॉर्म ने दावा किया कि वह हिंसक धमकियों या धोखाधड़ी के प्रयासों वाले लाखों पोस्ट को रोजाना हटाता है। हालाँकि, रूस ही नहीं बल्कि दुनिया भर में टेलिग्राम को इस बात के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है कि कैसे बुरे तत्व इसकी सुविधाओं का आसानी से दुरुपयोग कर लेते हैं।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.in
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments