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कम नहीं हुई रणवीर इलाहाबादिया की मुश्किलें, अश्लील जोक्स मामले में नया समन भेजेगी असम पुलिस

गुवाहाटी: समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर फंसे यूट्यूबर-पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को असम पुलिस नया समन भेजने की तैयारी में है। रणवीर को पुलिस पहले भी समन जारी कर चुकी है। इसके बावजूद वह जांच टीम के सामने पेश नहीं हुए।  शुक्रवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “सीआईडी की एक टीम जल्द ही मुंबई में इलाहाबादिया के घर जाएगी और जांच टीम के सामने पेश होने के लिए उन्हें नया समन सौंपेगी।”

आशीष चंचलानी से भी हुई पूछताछ 

रणवीर को पिछले सप्ताह ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो के मंच पर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों से संबंधित मामले में असम पुलिस के सामने पेश होना था। ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो मामले को लेकर गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने पिछले सप्ताह एक अन्य यूट्यूबर आशीष चंचलानी से पूछताछ की थी। यूट्यूबर क्राइम ब्रांच कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे काफी देर तक पूछताछ हुई।

गुवाहाटी के संयुक्त पुलिस आयुक्त अंकुर जैन ने मीडिया को बताया था, “यूट्यूबर आशीष चंचलानी पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच में आए। उन्होंने हमारी पूछताछ का अनुपालन किया है। यदि आवश्यक हुआ तो हम उन्हें फोन करेंगे, फिलहाल हम उन्हें दोबारा नहीं बुला रहे हैं। हमें जांच से जुड़े अन्य लोगों से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्हें जल्द ही नए समन भेजे जाएंगे।”

सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को शो फिर से शुरू करने की दी अनुमति

इस बीच बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर को इस शर्त पर अपने पॉडकास्ट को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है कि वह “शालीनता और नैतिकता के मानकों” को बनाए रखेंगे। रणवीर इलाहाबादिया, आशीष चंचलानी और अपूर्वा मखीजा समेत अन्य कई यूट्यूबर्स समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के एक एपिसोड के दौरान अश्लील और अभद्र कमेंट्स को लेकर विवाद में फंस गए। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने पहले की एक शर्त में ढील दी, जिसके तहत इलाहाबादिया या उनके सहयोगियों को अगले आदेश तक यूट्यूब या संचार के किसी अन्य ऑडियो/वीडियो विजुअल मोड पर कोई भी शो प्रसारित करने से रोक दिया गया था। 

सुनवाई के दौरान, जस्टिस कांत की अगुवाई वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, केंद्र के दूसरे सबसे बड़े कानून अधिकारी से ऑनलाइन मीडिया में कंटेंट को फिर से शुरू करने पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा, “हम कोई ऐसी व्यवस्था नहीं चाहते जिससे सेंसरशिप बढ़े, लेकिन यह सबके लिए स्वतंत्र नहीं हो सकता।” अदालत ने स्पष्ट किया कि इलाहाबादिया के शो को उन कार्यवाहियों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जो न्यायालय में विचाराधीन हैं। इससे पहले 18 फरवरी को अदालत ने इलाहाबादिया की गिरफ्तारी पर इस शर्त के साथ रोक लगा दी थी कि वह जांच अधिकारियों द्वारा बुलाए जाने पर जांच में शामिल होंगे।

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