नई दिल्ली: भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 22 से 23 सितंबर तक उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान वह भारत की पहली विदेशी रक्षा विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन करेंगे। यह किसी भारतीय रक्षा मंत्री का मोरक्को का पहला आधिकारिक दौरा है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत हो रहे रक्षा संबंधों को दर्शाता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मोरक्को के रॉयल सशस्त्र बलों के साथ साझेदारी में स्थापित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के संयंत्र का उद्घाटन कासाब्लांका के बेरेचिड में करेंगे। इस संयंत्र में व्हील्ड आर्म्ड प्लेटफॉर्म 8×8 का निर्माण किया जाएगा। यह एक उभयचर इन्फैंट्री लड़ाकू वाहन है, जिसे टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिलकर विकसित किया है। यह वाहन हर तरह के इलाके में काम करने में सक्षम है।
गौरतलब है कि यह व्हील्ड आर्म्ड प्लेटफॉर्म 8×8 पहले से ही सीमित संख्या में भारतीय सेना में सेवा दे रहा है और इसे लद्दाख सीमा पर भी तैनात किया गया है। पिछले साल, मोरक्को ने इस लड़ाकू वाहन के निर्माण के लिए टाटा समूह के साथ एक समझौता किया था।
द हिंदू के मुताबिक, कैसाब्लांका में यह फैक्ट्री भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक रणनीतिक मील का पत्थर है, जो न सिर्फ विदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देती है, बल्कि अफ्रीका में भारत के कूटनीतिक और सुरक्षा संबंधों को भी गहरा करेगी। मोरक्को अपनी सेना को आधुनिक और सुसज्जित बनाने पर काम कर रहा है। अमेरिका, इजराइल और चीन भी उसके प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ताओं में शामिल हैं। वहीं, भारत भी अफ्रीका को रक्षा निर्यात बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। इसके लिए कई सरकारी पहलें, द्विपक्षीय दौरे और आधिकारिक प्रस्तुतियाँ की जा रही हैं।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि “यह सुविधा अफ्रीका में भारत का पहला रक्षा विनिर्माण संयंत्र है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति को दर्शाता है।” इकोनॉमिक टाइम्स की 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस फैक्ट्री में हर साल 100 लड़ाकू वाहनों का उत्पादन होने की उम्मीद है और इसमें लगभग 350 लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे भारत को अफ्रीकी बाजार में रक्षा उत्पादन का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
रक्षा सहयोग को बढ़ावा
अपनी यात्रा के दौरान, राजनाथ सिंह मोरक्को के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री अब्देलतिफ लाउदीयी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसका उद्देश्य रक्षा, रणनीति और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देना है। वह मोरक्को के उद्योग और व्यापार मंत्री रियाद मेजोर से भी मिलेंगे ताकि औद्योगिक सहयोग के नए रास्ते तलाशे जा सकें।
भारत और मोरक्को के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की भी संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता द्विपक्षीय रक्षा जुड़ाव को विस्तारित करने और गहरा करने के लिए एक संस्थागत ढाँचा प्रदान करेगा, जिसमें आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और औद्योगिक संबंध शामिल हैं।
मोरक्को के साथ भारत के संबंध 2015 में मोरक्को के राजा मोहम्मद VI और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद से और मजबूत हुए हैं। पिछले साल मोरक्को की सेना को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के 92 छह-पहिया सैन्य ट्रक मिले थे। इसके अलावा, टाटा ने एलपीटीए 2445 डिफेंस डंप ट्रकों की आपूर्ति का भी अनुबंध किया, जो कठिन इलाकों में रसद और निर्माण सामग्री ढोने में सक्षम हैं।
इस दौरान दोनों नौसेनाओं ने साझा अभ्यास किए और सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की। राजनाथ सिंह की यह यात्रा दोनों देशों के बीच साझेदारी को एक नई ऊर्जा देगी। हाल ही में, भारतीय नौसेना के नए स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तमल ने मोरक्को के कासाब्लांका का दौरा किया था, जो दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग का संकेत है।
मोरक्को अपने सैन्य बलों को आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित बनाने का लक्ष्य रखता है, जिसके लिए वह अमेरिका, इजराइल और चीन जैसे देशों से भी रक्षा उपकरण खरीदता है। भारत भी अफ्रीकी देशों में अपने रक्षा निर्यात को बढ़ाने पर जोर दे रहा है, जिसके लिए सरकारी स्तर पर द्विपक्षीय दौरे और प्रस्तुतियां दी जा रही हैं।