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राजकोट आग हादसा: बिना फायर NOC के संचालित हो रहा था गेमिंग जोन, जांच के लिए एसआईटी गठित, जानें घटना से जुड़ी 10 बड़ी बातें

अहमदाबादः गुजरात के राजकोट में शनिवार दोपहर एक निजी मनोरंजन पार्क/ गेमिंग जोन (टीआरपी) में भीषण आग लगने से 12 बच्चों सहित 27 लोग की मौत हो गई । गेमिंग जोन में उस समय आग लगी जब उसके अंदर काफी संख्या में बच्चे मौजूद थे। अधिकारियों की मानें तो टीआरपी गेमिंग जोन बिना अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के संचालित किया जा रहा था। मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं गेमिंग जोन के प्रबंधक और सह मालिक को हिरासत में लिया गया है। हादसे की विस्तृत जांच के लिए एडीजीपी, सीआईडी क्राइम सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एसआईटी प्रमुख ने कहा कि “यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है… इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया गया है… किस विभाग ने क्या किया है, इस पर पूरी जांच की जाएगी। इसके लिए कौन जिम्मेदार है और क्या गलतियां हुई हैं। सुभाष त्रिवेदी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए क्या करने की जरूरत है, इन सभी बातों की गहराई से जांच की जाएगी।”

शवों की शिनाख्त के लिए डीएनए सैंपल लिया जा रहा

राज्य सरकार ने कहा कि राजकोट सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए 27 शव लाया गया था। अधिकांश शव इतनी बुरी तरह से जल चुके हैं कि उनकी पहचान मुश्किल हो गई। एक सरकारी बयान में कहा गया है, “पहचान के लिए उनके डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं… परिवार के सदस्यों के डीएनए सैंपल लेने की प्रक्रिया राजकोट सिविल अस्पताल पुलिस चौकी पर चल रही है ताकि डीएनए का मिलान किया जा सके।” यह प्रक्रिया आपदा से पीड़ित परिवारों को उनके प्रियजनों के अंतिम संस्कार में मदद करेगी। बयान में कहा गया है कि डीएनए मिलान से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कौन सा शव किस परिवार का है।

राजकोट आग हादसे से जुड़ी 10 बड़ी बातेंः

1- घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, गृहमंत्री अमिता शाह समते गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने दुख व्यक्त किया है। राज्य सरकार की ओर से मृतक के परिवारों को चार लाख और घायलों को 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई।

2 –  राजकोट हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने दुर्घटना के बाद गुजरात के सारे गेम जोनों को बंद करने का आदेश दिया। उन्‍होंने कहा कि आदेश का पालन राज्य की सभी महानगरपालिका नगर पालिका, फायर ऑफिसर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस को साथ मिलकर करना होगा।

3-  वीकेंड के कारण शॉपिंग मॉल में काफी भीड़ थी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि काफी दूर से गेमिंग जोन से धुआं निकलता देखा गया। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, आग माॅल के निचले हिस्से में लगी थी। पूरे हॉल में धुआं ही धुआं हो गया। उस समय करीब 60 लोग मौजूद थे।

4-  टीआरपी के प्रबंधक नितिन जैन और सहमालिक युवराजसिंह सोलंकी को हिरासत में लिया गया है। जबकि एक तीसरे व्यक्ति के लिए खोज जारी थी। सोलंकी ने जमीन के भूखंड को किराए पर लिया था, जिस पर गेमिंग जोन स्थापित किया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि हम इस गेमिंग जोन से जुड़े एक अन्य व्यक्ति प्रकाश जैन की तलाश कर रहे हैं। जो वर्तमान में दुर्घटना के बाद फरार है।

5- गेमिंग जोन से निकासी और प्रवेश के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था। आग लगने के बाद लोगों को निललने का रास्ता नहीं मिला। बताया जा रहा है कि अभी भी कई लोग लापता हैं।

6- रिपोर्ट के मुताबिक, टीआरपी में जनरेटर के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल और गो कार रेसिंग के लिए 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल इकट्ठा किया गया था। आग इस कारण भी तेजी से फैला।

7- शनिवार को एंट्री के लिए 99 रुपए की योजना चलाई गई थी। इस कारण बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। प्रत्यशदर्शियों के मुताबिक, गेम जोन के अंदर 30-40 स्टाफ सदस्य थे जो आग लगते ही भाग गए।

8- पुलिस के मुताबिक, गेम जोन के संचालक ने फायर डिपार्टमेंट से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं ली थी। साथ ही, पार्क के मालिक द्वारा एनओसी के लिए आवेदन का कोई रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। राजकोट के उप नगर आयुक्त स्वप्निल खरे ने बताया कि टीआरपी ने अग्निशमन एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया था। खरे ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम गेमिंग जोन के विवरण की जांच कर रहे हैं। लेकिन प्राथमिक रूप से, ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि संचालकों ने अग्निशमन एनओसी के लिए आवेदन किया था, न ही उन्होंने राजकोट नगर निगम से किसी अन्य मंजूरी के लिए आवेदन किया था।”

9-  अधिकारियों के अनुसार, शॉर्ट-सर्किट के कारण विस्फोट हुआ था जिसके बाद अग लगी। रायकोट जिला कलेक्टर प्रभात जोशी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चूंकि मनोरंजन पार्क एक शेड के नीचे बनाया गया था, इसलिए वहां बहुत सी एयर कंडीशनर लगाई गई थीं। हालांकि, गर्मी के कारण, हो सकता है कि बिजली के तार इतना भार सहन न कर पाए हों, जिससे शॉर्ट सर्किट हो गया होगा और आग लग गई हो।

10 – हादसे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई है। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि एक एसआईटी जांच शुरू की गई है। सभी अधिकारियों को रविवार को कलेक्टर के कार्यालय में बुलाया गया है, जहां से वह कार्य करेंगे।

हादसे के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरा

हादसे के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, “बड़ी दुखदायी घटना घटी, राजकोट के गेम जोन में आग लगने के बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया। इस हादसे में 26 लोगों की जान चली गई। धुएं का गुबार करीब एक किलोमीटर तक उठते हुए दिखाई दिए। हाईकोर्ट के बार बार कहने के बाद भी फयर सेफ़्टी के लिए बीजेपी सरकार कदम नहीं उठाती है। उन्होंने कहा कि  भाजपा सरकार भय मुक्त भ्रष्टाचार कर रही है। पता नहीं, बार-बार इस तरह के हादसे क्‍यों हो रहे हैं। कानून को ताक पर रखकर हप्ता वसूली होती है और लोगों की जान की सुरक्षा की चिंता किए बिना ही भाजपा के शासन में सब चलता है।”*

 

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