Homeभारतपंजाब में फर्जी आदेश पर 57 कर्मचारियों का ट्रांसफर...क्या है मामला?

पंजाब में फर्जी आदेश पर 57 कर्मचारियों का ट्रांसफर…क्या है मामला?

चंडीगढ़: पंजाब के स्कूल शिक्षा विभाग में 57 क्लर्क-कम-डेटा एंट्री ऑपरेटरों और सेवादारों के अस्थायी स्थानांतरण के संबंध में फर्जी ट्रांसफर आदेश के बाद भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। ये फर्जी आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिससे अधिकारियों के बीच व्यापक अनिश्चितता पैदा हो गई।

सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि इन आदेशों को वास्तविक निर्देश समझकर कई जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) ने तबादलों को लागू करना भी शुरू कर दिया। फर्जी निर्देशों के अनुसार कई कर्मचारियों को ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया गया। इस पूरे वाकये से पंजाब में सरकारी अमले की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों को किया आगाह

दूसरी ओर मामले के सामने आने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक को सभी डीईओ को एक तत्काल पत्र जारी करना पड़ा। इसमें उन्हें इन भ्रामक आदेशों के आधार पर कार्रवाई नहीं करने को कहा गया है।

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार निदेशक ने बुधवार को बताया कि कुछ डीईओ और स्कूल प्रमुखों ने पहले ही फर्जी आदेशों के आधार पर कर्मचारियों को नए स्थानों पर तैनात करना शुरू कर दिया था।

इसके बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशक (डीजीएसई) ने सभी डीईओ और स्कूल प्रमुखों को किसी भी ऐसे ट्रांसफर आदेश को नहीं मानने का निर्देश दिया, जो आधिकारिक तौर पर निर्दिष्ट ईमेल माध्यमों से सूचित नहीं किया जाता है।

डीजीएसई ने अधिकारियों से सावधानी बरतने और कार्रवाई करने से पहले ऐसे किसी भी आदेश की प्रामाणिकता को सत्यापित करने को भी कहा है।

अधिकारियों को आधिकारिक निर्देशों को प्राथमिकता देने और किसी भी संदिग्ध संचार की सूचना बिना देरी के संबंधित विभाग को देने के निर्देश भी दिए गए हैं।

कहां से आए फर्जी आदेश?

इस बीच अधिकारी ऐसे फर्जी आदेशों के स्रोत की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सवाल उठ रहे हैं कि अधिकारियों ने आदेश के जारी होने की पुष्टि अपने स्तर प क्यों नहीं की। अधिकारियों ने फर्जी आदेश पर अमल करने से पहले औपचारिक कॉपी का भी इंतजार नहीं किया जो आम तौर पर ऐसे आदेशों पर जारी किया जाता है।

सोशल मीडिया पर शेयर फर्जी आदेश के मुताबिक ही कर्मचारियों को अलग-अलग जगह भेजा जाने लगा। बहरहाल, अधिकारियों और कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वे विभाग के कामकाज में केवल आधिकारिक संचार चैनलों पर भरोसा करें और असत्यापित सूचना के आधार पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने से बचें।

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