Punjab Himachal floods: चंडीगढ़: पंजाब और हिमाचल प्रदेश इस समय भयानक बाढ़ का सामना कर रहे हैं। भारी बारिश और उफनती नदियों ने दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। पंजाब में जहाँ 48 लोगों की जान गई है, वहीं हिमाचल में 161 लोगों की मौत हुई है। दोनों राज्यों में लाखों लोग बेघर हो गए हैं और हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है।
पंजाब में बाढ़ की स्थिति
पंजाब में सतलज, ब्यास और रावी जैसी नदियों का जलस्तर बढ़ने से स्थिति गंभीर हो गई है। राज्य के सभी 23 जिलों के लगभग 2,050 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिससे 3,87,898 लोग बेघर हो गए हैं। सरकार ने 22,938 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है और 219 राहत शिविरों में 5,404 लोगों को आश्रय दिया गया है।
बाढ़ से फसलों को भी भारी नुकसान पहुँचा है। 4.50 लाख एकड़ से ज्यादा की फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसके अलावा, वन विभाग के अनुसार, 776 हेक्टेयर भूमि में 4,94,956 पेड़ नष्ट हो गए हैं, जिससे 360.5 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश की क्या है स्थिति
हिमाचल प्रदेश में भी हालात बेहद खराब हैं। अगस्त 2025 में यहाँ 76 सालों में सबसे ज़्यादा बारिश हुई, जिससे बादल फटने और अचानक बाढ़ की घटनाएँ हुईं। इसने गाँवों, पुलों, राजमार्गों और जंगलों को बहा दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है और कहा कि यह स्थिति 2023 की बाढ़ से भी बड़ी है। उन्होंने कहा कि भारी तबाही से राज्य को करीब 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
हिमाचल में कुल्लू जैसे जिलों में इस अगस्त में 165% ज्यादा बारिश हुई, जबकि राज्य में कुल बारिश सामान्य से 68% अधिक रही। मंडी, किन्नौर, कुल्लू और चंबा जिलों में सड़कें, पुल, बिजली और संचार नेटवर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
ये भी पढ़ेंः पंजाब के सभी जिले बाढ़ की चपेट में, 11.7 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि तबाह, भगवंत मान ने केंद्र को लिखा पत्र
बाढ़ का कारण- जलवायु परिवर्तन और मानवीय लापरवाही
इन बाढ़ों का एक बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन और लगातार हो रही बारिश को माना जा रहा है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा है।
पंजाब के संदर्भ में विशेषज्ञों का मानना है कि वहां बाढ़ की समस्या केवल बारिश से नहीं, बल्कि राज्य की नहर व्यवस्था और प्रबंधन की खामियों से भी जुड़ी है। कई वर्षों से नदियों और नहरों की सफाई नहीं हुई, गाद और मलबे के कारण जलधाराएँ अवरुद्ध हो गईं। अनियंत्रित निर्माण और अवैज्ञानिक बाँधबंदी ने हालात और बिगाड़ दिए।
पंजाब ने इस साल सामान्य से 74% अधिक वर्षा दर्ज की, जबकि हिमाचल ने 431.3 मिमी वर्षा के साथ अगस्त का 76 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दोनों राज्यों में बाढ़ की इस त्रासदी ने यह साफ कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन, अव्यवस्थित जल प्रबंधन और ढाँचागत खामियाँ मिलकर भविष्य में और भी बड़े संकट पैदा कर सकती हैं।
9 सितंबर को पीएम मोदी पंजाब और हिमाचल का करेंगे दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 9 सितंबर को पंजाब और हिमाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। दोनों उत्तरी राज्यों में बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और व्यापक पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है।
प्रधानमंत्री की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पंजाब की बाढ़ की स्थिति को लेकर गहरी चिंता में हैं और लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं।
इसी तरह, हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से कहा कि वे 9 सितंबर को धर्मशाला में प्रधानमंत्री की बैठक में शामिल होंगे, जहाँ राज्य में मॉनसून से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा।हिमाचल प्रदेश में इस मॉनसून सीजन के दौरान मौतों का आंकड़ा 350 से अधिक पहुँच चुका है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री कल (मंगलवार) आएंगे और स्थिति का जायजा लेंगे।
उन्होंने आगे कहा, “जब प्रधानमंत्री खुद जमीनी स्तर पर आकर स्थिति देखेंगे, तो वह नुकसान का सही आकलन कर पाएंगे। हमें उनसे एक विशेष राहत पैकेज की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में हुए नुकसान का शुरुआती अनुमान 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है और यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई ग्रामीण सड़कें भी टूट गई हैं।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के सामने एक प्रेजेंटेशन दी जाएगी, जिसके बाद केंद्रीय टीम भी नुकसान का निरीक्षण करेगी। उन्होंने दोहराया कि राज्य को इस आपदा से उबरने के लिए एक विशेष राहत पैकेज की सख्त जरूरत है।
ये भी पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का SIR पर बड़ा आदेश, आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में दी मान्यता
पंजाब ने रखी केंद्र से 20 हजार करोड़ राहत पैकेज की मांग
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य का 60,000 करोड़ का बकाया फंड जारी करने और 20,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने की अपील की है।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने भी यही मांग दोहराई। पीएम मोदी के दौरे से पहले उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री का स्वागत करते हैं, लेकिन उन्हें इस संकट की घड़ी में राज्य का 60,000 करोड़ का बकाया और 20,000 रुपये करोड़ का राहत पैकेज भी घोषित करना चाहिए।
फिलहाल, राहत की खबर है कि पंजाब में मौसम में सुधार हुआ है और 8 सितंबर से सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान दोबारा खोलने का फैसला लिया गया है। 9 सितंबर से छात्र अपनी कक्षाओं में लौट सकेंगे।