Friday, October 10, 2025
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जमानत भी नहीं लेंगे और अनशन भी नहीं तोड़ेंगे…जेल से चलेगी लड़ाई: प्रशांत किशोर

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर दो जनवरी से अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार की सुबह गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने चिकित्सकीय जांच के बाद उन्‍हें अदालत में पेश किया और अदालत ने जमानत दे दी। लेकिन प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सशर्त जमानत भी नहीं लेंगे और आमरण अनशन भी नहीं तोड़ेंगे।

प्रशांत किशोर ने अदालत परिसर में कहा, “बेल भी नहीं लेंगे और अनशन भी नहीं तोड़ेंगे। जेल में ही अनशन चलेगा। इसे रोकेंगे तो इन लोगों का मन बढ़ जाएगा। प्रशासन को निपटने दीजिए। ये लोग सोचकर लाए थे कि बेल दिलाएंगे और अनशन खत्म हो जाएगा, लेकिन अब लड़ाई और लंबी चलेगी।”

किसी पुलिसकर्मी ने नहीं मारा थप्पड़: प्रशांत किशोर

इस दौरान उन्होंने पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार से भी इनकार किया है। उन्होंने इन बातों का खंडन किया कि किसी पुलिसकर्मी ने थप्पड़ मारा है। उन्होंने कहा कि उनके साथ पुलिस ने किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं किया। मेरी लड़ाई पुलिस से नहीं है।

इससे पहले पटना सिविल कोर्ट ने उन्हें 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। लेकिन वे सशर्त जमानत लेने को तैयार नहीं हुए। दरअसल, अदालत ने भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं करने का आदेश दिया। प्रशांत किशोर का मानना है कि अगर कोर्ट की शर्त मानेंगे, तो फिर भविष्य में धरना-प्रदर्शन नहीं दे पाएंगे, जो समाज के हित में नहीं होगा। इसलिए वो सशर्त जमानत को तैयार नहीं हैं। ऐसे में वे जेल जाने को तैयार हैं।

‘बीपीएससी परीक्षार्थियों की यह सरकार बदल देगी’

इधर, जन सुराज के कैप्टेन मुकेश ने कहा कि बीपीएससी परीक्षार्थियों की यह लड़ाई सरकार बदल देगी, जिसकी शुरुआत अब हो चुकी है। शांतिपूर्ण अनशन को जिस अहिंसक तरीके से जबरन उठाया है, उसकी गूंज संपूर्ण बिहार के विद्यार्थियों के व्यापक समर्थन और प्रदर्शन में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसी गांधी मैदान में कभी जेपी पर सरकार ने लाठी चलाने की गलती की थी, जिसके परिणामस्वरूप देशभर में छात्रों के चले आंदोलन ने देश की सरकार बदल दी थी।

कैप्टेन मुकेश ने कहा कि उसी जेपी आंदोलन की उपज मौजूदा सरकार ने पुलिस से बर्बर कार्रवाई कराकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। उन्होंने कहा कि गांधी प्रतिमा के समक्ष अहिंसा फैलाई गई और गांधी जी के आदर्शों को भूलकर नीतीश कुमार छात्रों के साथ ऐसा बर्ताव कर अपनी कब्र खुदवा रहे हैं।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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